नैनीताल, 8 अगस्त . उत्तराखंड के नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर विवाद अब हाई कोर्ट तक पहुंच गया है. हाई कोर्ट की खंडपीठ ने चुनाव परिणाम पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी है. इस खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायाधीश आलोक मेहरा शामिल हैं. हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि इस दौरान चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी.
यह मामला देहरादून निवासी अभिषेक सिंह की याचिका से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि State government ने पंचायत चुनावों में आरक्षण निर्धारण में लापरवाही की है. अभिषेक ने कहा कि उनका पक्ष सुने बिना ही आरक्षण तय कर दिया गया, जो नियमों के खिलाफ है, इसलिए उन्होंने चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की. कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए State government को 11 अगस्त तक जवाब देने का आदेश दिया और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के परिणाम घोषित करने पर रोक लगा दी. अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी.
हाई कोर्ट में इस मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता संजय भट्ट ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि याचिका में मुख्य रूप से आरक्षण प्रक्रिया को चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा, “देहरादून जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण को लेकर याचिका दायर की गई थी. State government ने भी अपना पक्ष रखा. कोर्ट ने अंतरिम स्थगन पर अगली सुनवाई के लिए समय दिया है. सरकार को शपथ पत्र दाखिल करना होगा.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव परिणाम घोषित करने पर रोक है, लेकिन चुनाव की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
अभिषेक का दावा है कि आरक्षण में अनियमितता हुई, जिससे कई उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है. दूसरी ओर, State government का कहना है कि प्रक्रिया नियमों के अनुसार हुई, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब उनका जवाब मायने रखेगा. 12 अगस्त को होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि चुनाव परिणाम पर स्थगन बरकरार रहेगा या नहीं.
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एसएचके/एएस