मुंबई, 25 अक्टूबर . अपने पिता मेजर भूपेंद्र सिंह के 72वें जन्मदिन पर श्रीगंगानगर में उनकी प्रतिमा के अनावरण को लेकर अभिनेत्री निमरत कौर ने कहा कि मेरे पिता ने किसी भी भेदभाव के बिना उन्हें एक बेटे की तरह पाला और शक्ति, लचीलापन और स्वतंत्रता के मूल्यों की सीख दी.
इस खास पल को याद करते हुए निमरत ने कहा, “मेरे पिता की याद में एक स्मारक बनाना हमारा सपना था जो पूरे परिवार ने काफी समय से सोचा हुआ था और पिछले एक साल से मैं व्यक्तिगत रूप से अधिकारियों और सेना की मदद से इस पर काम कर रही हूं. उनका जन्म यहीं हुआ था इसलिए एक परिवार के रूप में हमारे लिए यह बहुत मायने रखता है कि हमारा सपना आखिरकार सच हो रहा है.”
‘एयरलिफ्ट’ की अभिनेत्री ने अपने पिता को याद करते हुए कहा, “मेरे पिता ने वास्तव में मुझे एक बेटे की तरह पाला है. उनके मन में कोई भेदभाव नहीं था, उन्हें सच में विश्वास था कि मैं जो भी ठान लूं, कर सकती हूं. मेरे पास मूल्य, दृढ़ता, परिश्रम जैसे सभी गुण उनके कारण हैं.”
उन्होंने कहा कि उनके पिता ने उन्हें निडर होना और अपनी क्षमताओं पर कभी संदेह न करना सिखाया है.
अभिनेत्री ने कहा, ” वह वास्तव में मेरे जीवन के नायक थे. हर बेटी के लिए उसका पिता उसका नायक होता है, लेकिन जब मैं मात्र 11 साल की थी, तब उन्हें बहुत ही हिंसक परिस्थितियों में खो दिया था, इसलिए उनकी यादें ही सिर्फ मेरे पास बची है. मैं यह सुनिश्चित करती हूं कि मैं उन्हें न केवल हमारे परिवार में बल्कि समाज में भी जीवित रखूं, क्योंकि राष्ट्र के लिए उनके बलिदान को कभी नहीं भुलाया जाना चाहिए. ”
शौर्य चक्र विजेता मेजर भूपेंद्र सिंह की प्रतिमा का आज उनके गृहनगर श्रीगंगानगर में अनावरण किया गया. सार्वजनिक समारोह में समुदाय के सदस्यों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया गया. साथ ही निमरत ने सभी से वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का आह्वान किया.
मेजर सिंह को 17 जनवरी, 1994 को दुश्मन सेना ने अगवा कर लिया था और छह दिन बाद 23 जनवरी को दुखद रूप से वह शहीद हो गए थे. उनकी असाधारण बहादुरी के सम्मान में, उन्हें 13 मार्च, 1994 को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया.
निमरत कौर ने एक मॉडल के रूप में अपना करियर शुरू किया, ‘द लंचबॉक्स’, ‘एयरलिफ्ट’ और ‘दसवीं’ जैसी फिल्मों में अपने काम के लिए जानी जाती हैं.
उन्हें पिछली बार मिस्ट्री थ्रिलर ‘सजनी शिंदे का वायरल वीडियो’ में देखा गया था, जिसमें राधिका मदान, भाग्यश्री और सुबोध भावे भी हैं.
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एमकेएस/जीकेटी