नई दिल्ली, 10 दिसंबर . भारत में म्यूचुअल फंड (एमएफ) की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) नवंबर में बढ़कर 68.08 लाख करोड़ रुपये हो गई है, जो कि अक्टूबर में 67.25 लाख करोड़ रुपये थी. यह जानकारी एसोसिएशन फॉर म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के डेटा से मंगलवार को मिली.
म्यूचुअल फंड्स इंडस्ट्री का एयूएम बढ़ने के बाद भी एमएफ स्कीमों में इनफ्लो नवंबर 2024 में मासिक आधार पर गिरकर 35,927.3 करोड़ रुपये रहा गया है, जो कि अक्टूबर में 41,865.4 करोड़ रुपये था.
बीते महीने लार्जकैप फंड में इनफ्लो 26.3 प्रतिशत गिरकर 2,547.9 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पहले 3,452.3 करोड़ रुपये था. हालांकि, इस दौरान स्मॉलकैप में निवेश 9 प्रतिशत बढ़कर 4,112 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पहले 3,772 करोड़ रुपये था. वहीं, मिडकैप में निवेश 4.3 प्रतिशत बढ़कर 4,883.4 करोड़ रुपये हो गया है, जो कि पहले 4,683 करोड़ रुपये था.
नवंबर में सेक्टोरल और थीमैटिक फंड में इनफ्लो घटकर 7,658 करोड़ रुपये रह गया है, जो कि अक्टूबर में 12,278 करोड़ रुपये था. इस दौरान ईटीएफ में निवेश कम होकर 1,531.2 करोड़ रुपये रह गया है, जो कि अक्टूबर में 13,441.8 करोड़ रुपये था.
इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) में निवेश में वृद्धि देखी गई, जो अक्टूबर के 362 करोड़ रुपये से बढ़कर नवंबर में 618.5 करोड़ रुपये हो गई.
देश में नवंबर में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) में निवेश 25,320 करोड़ रुपये रहा, जो अक्टूबर में 25,323 करोड़ रुपये था. अक्टूबर के बाद यह लगातार दूसरा मौका है जब एसआईपी निवेश 25,000 रुपये के आंकड़े को पार कर गया.
नवंबर 2024 में एसआईपी खातों की संख्या 10,22,66,590 के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई, जो अक्टूबर में 10,12,34,212 और सितंबर में 9,87,44,171 थी.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया में एसोसिएट डायरेक्टर और मैनेजर रिसर्च, हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि घरेलू निवेशकों ने नवंबर के महीने में भारतीय शेयर बाजारों में निवेश जारी रखा है. इसके साथ ही यह लगातार 45वीं महीना है, जब बाजार में मासिक प्रवाह सकारात्मक रहा है. हाल में बाजार में आई गिरावट निवेशकों के लिए निवेश का एक अच्छा अवसर है.
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एबीएस/