मक्का में मुस्लिम ध्यान देते हैं, फिर कांवड़ यात्रा में हिंदू क्यों नहीं : कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर

मथुरा, 19 जुलाई . सावन के पहले दिन 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है. उत्तर प्रदेश में इसे लेकर सरकार के एक आदेश के बाद विवाद छिड़ गया है. राज्य सरकार ने कांवड़ मार्ग पर होटल और ढाबों के मालिकों के नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया है. कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने प्रशासन के इस फैसले का समर्थन किया है.

उन्होंने कहा, “यूपी की योगी सरकार इस बार कांवड़ लाने वाले श्रद्धालुओं का खास ध्यान रख रही है. उन पर पुष्प वर्षा कर रही है, और कौन व्यक्ति उन्हें नाम बदलकर भोजन परोस रहा है, उस पर भी ध्यान दे रही है. कांवड़ लाना एक तपस्या है, यह कोई साधारण विषय नहीं है.

“श्रद्धालु कई किलोमीटर नंगे पांव चलकर गंगा जल लाकर शिव जी पर चढ़ाते हैं. सनातन धर्म में शुद्धता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है. ऐसे में कोई विशेष समुदाय का व्यक्ति हमारे भगवान के नाम पर ढाबा चलाकर भोजन परोसता है, तो यह गलत है. उनकी और हमारी खाने की क्रिया अलग है. इसलिए यह बताना सही है कि कौन व्यक्ति ढाबा और होटल का संचालन कर रहा है.”

देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि यदि हिंदू- मुस्लिम भाई हैं, तो उन्हें किसी विशेष समय पर उस मार्ग पर ढाबा या होटल चलाने की जरूरत क्या है? अगर चला भी रहे हैं तो अपना नाम स्पष्ट रूप से लिखना चाहिए. मक्का-मदीना में भी मुस्लिम लोगों को बहुत ध्यान रखना पड़ता है. जब मक्का जाने पर ध्यान रखा जा सकता है तो कांवड़ के समय क्यों नहीं?

उन्होंने कहा, “जो लोग इस मामले पर राजनीति कर रहे हैं मेरा उनसे निवेदन है कि एक बार कई किलोमीटर पैदल चलकर कांवड़ लेने जाइए. इसके बाद आपको पता चलेगा कि कांवड़ लाने में किन-किन चीजों का ध्यान रखना पड़ता है.”

देवकीनंदन ने कांवड़ियों से यात्रा के दौरान घर से प्रसाद ले जाने की भी अपील की है. उन्होंने कहा, “कांवड़ यात्रा के दौरान घर से प्रसाद लेकर आएं या फिर सिर्फ सनातनी व्यक्ति के ढाबे और होटल पर भोजन करें.”

एसएम/एकेजे