मुर्शिदाबाद दंगे केंद्र सरकार की विफलता, ईडी का दुरुपयोग कर रही है केंद्र सरकार : हरीश रावत

देहरादून, 20 अप्रैल . उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने न्यूज एजेंसी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में राज्य और राष्ट्रीय मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी. उत्तराखंड में मलिन बस्तियों के नियमितीकरण, युवाओं में बेरोजगारी, देहरादून में जाम की समस्या, बंगाल हिंसा से लेकर रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी की जांच जैसे विविध विषयों पर उन्होंने वर्तमान सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए. रावत ने मौन व्रत और तप जैसे कदमों के जरिए जनता के मुद्दों को उठाने की बात कही, साथ ही केंद्र और राज्य सरकारों पर विफलता का आरोप लगाया.

सवाल- रिस्पना और बिंदाल के पास जो लोग सालों से रह रहे हैं, राज्य सरकार उनको चिन्हित करके हटा रही है?

उत्तर- हमारी सरकार ने 2016 में राज्य में इन मलिन बस्तियों का नियमितीकरण का कानून विधानसभा में पारित कराया था जो सर्वसम्मति से पारित हुआ था. एक हजार के करीब लोगों को मालिकाना हक के पट्टे भी दिए थे, लेकिन इन्होंने यह सारी प्रक्रिया रोक दी और अब एलिवेटेड रोड या कभी किसी नाम से 14-15 साल से रह रहे लोगों को हटाने के लिए साजिश की जा रही है. उनके घरों को मार्क किया जा रहा है. आप बिना किसी वैकल्पिक आवास दिए हुए कैसे किसी के घर का अधिकार छीन सकते हैं? उनके पास 14-15 साल से बिजली और पानी के बिल भी हैं. आप उन्हें हटा रहे हैं. मैंने उनके लिए आज मौन व्रत रखा है और मैं मई और जून के महीने में इसे लेकर तप भी करूंगा.

सवाल- राज्य सरकार युवाओं को रोजगार देने की बात कर रही है, आप इसके लिए रोजगार यात्रा भी निकाल रहे हैं?

उत्तर- रोजगार हवा में है, लोगों तक तो पहुंचा नहीं है. नौजवानों में बड़ी बेचैनी है. इस समय आईपीएल में नौजवानों का ध्यान लगा हुआ है. वह सट्टेबाजी, टीम बनाने में व्यस्त हैं. लेकिन नौजवानों में रोजगार को लेकर काफी बेचैनी है.

सवाल- पूरे प्रदेश में जाम की भयावह स्थिति सामने आ रही है. आपने भी सोशल मीडिया के माध्यम से जाम को लेकर सरकार को आईना दिखाया है?

उत्तर- एक दिन में कुछ नहीं होता है. आपने जिस तरीके से डेवलप किया है, सड़क पर कितनी गाड़ियां आनी हैं, उसका आपके पास आकलन होना चाहिए और सड़क को आपको विस्तारित करना चाहिए. सड़क की कैपेसिटी बढ़ानी चाहिए या वैकल्पिक मार्ग बनाने चाहिए, जो आपने नहीं किया. अब आप देखिए जो दिल्ली-देहरादून मार्ग बन रहा है, इसके बाद देहरादून के भीतर जाम की स्थिति और भयावह होगी. हमने प्रयास प्रारंभ किया था कि जो गाड़ियां देहरादून से बाहर जानी हैं, वह शहर में प्रवेश ना करके बाहर से ही चली जाएं. चाहे उन्हें चकराता जाना हो, या पांवटा साहिब या टिहरी, हमने उनके लिए देहरादून के बाहर से ही निकलने की व्यवस्था की थी. जब इस तरीके से मैनेजमेंट नहीं करेंगे तब तक समस्या बनी रहेगी. देहरादून में पिछले 8-10 साल से एक भी फ्लाई-ओवर नहीं बना है. यह स्थिति बाकी शहरों की है, जहां जाम से परेशानी देखी जा रही है.

सवाल- कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने आपको संन्यास लेने और हरिद्वार में रहने की सलाह दी है?

उत्तर- उन्होंने बड़े-बड़े लोगों को यहां पर बसाने का काम किया है. मैं कहूंगा कि मुझे भी कहीं झोपड़ी में बसा दें, वहीं बैठ जाऊंगा. अच्छी बात है और हमारी अच्छी दुआ-सलाम भी है. अभी भी वह खुशमिजाज हैं.

सवाल- बंगाल हिंसा पर आप क्या कहेंगे, क्या वहां पर राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए?

उत्तर- यह तो केंद्र सरकार की विफलता है कि मुर्शिदाबाद में जो लोग दंगे करने आए थे, वह बांग्लादेश से आए थे. आप सीमा पर रोक ही नहीं पा रहे हैं. बांग्लादेशियों की घुसपैठ बढ़ गई है. मुर्शिदाबाद के दंगे प्रायोजित थे, इसमें बांग्लादेशी कम्युनिस्ट थे और मैं यह मानता हूं कि राज्य की जो पुलिस है वह भी उन्हें रोकने में नाकामयाब रही. उसे रोकना चाहिए था. शांति व्यवस्था राज्य का विषय है. अगर निर्वाचित सरकार ऐसा नहीं करेगी तो जनता दंडित करेगी.

सवाल- रॉबर्ट वाड्रा से ईडी की पूछताछ शुरू हो गई है. क्या रॉबर्ट वाड्रा अब राजनीति में कदम रखने जा रहे हैं?

उत्तर- ईडी को गांधी-नेहरू परिवार से लेकर कांग्रेस परिवार, विपक्ष परिवार आदि को टारगेट करने के लिए ही तो बनाया गया है. सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है. केंद्र सरकार को इतने सालों में कुछ नहीं मिला. वही प्रश्न आप बार-बार दोहराते हैं, लेकिन कुछ निकल नहीं रहा है. इसलिए ईडी का प्रॉसिक्यूशन रेट बहुत कम है.

एएस/