अयोध्या और काशी के तर्ज पर पुणे में ड्रोन शो, शहर की सांस्कृतिक महत्व को दर्शाएगा : मुरलीधर मोहोल

पुणे, 17 सितंबर . Prime Minister Narendra Modi के 75वें जन्मदिन पर पूरे देश में उत्साह का दौर चल रहा है. पुणे में भी शहरवासियों ने जोर-शोर से इस अवसर का स्वागत किया. केंद्रीय राज्यमंत्री तथा पुणे के सांसद मुरलीधर मोहोल ने सभी देशवासियों की ओर से पीएम को हार्दिक शुभकामनाएं दीं. उन्होंने बताया कि अयोध्या और वाराणसी की तर्ज पर पुणे में ड्रोन शो का आयोजन होगा, जो पुणे के सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को बताएगा.

मुरलीधर मोहोल ने से बात करते हुए कहा, “पीएम मोदी का जन्मदिन है. पुणे के सभी नागरिकों की ओर से उन्हें बहुत-बहुत बधाई. यह उनका 75वां जन्म वर्ष है, जिसे देशभर में विधायी, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से मनाया जा रहा है.”

मोहोल ने बताया, “पिछले 11 वर्षों में पीएम मोदी ने देश को प्रगति के पथ पर ले जाने का अद्भुत कार्य किया है. 2047 तक विकसित India का संकल्प उन्होंने लिया है. इसे दर्शाने के लिए पुणे में ड्रोन लाइट शो का आयोजन किया गया है. बारिश के कारण कल स्थगित हुआ यह शो आज शाम को होगा. लगभग 1000 ड्रोन से 45 मिनट का 3डी शो पुणे के सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को उजागर करेगा. यह अयोध्या-वाराणसी की तर्ज पर Maharashtra का पहला ऐसा शो है, जो 4 किलोमीटर के दायरे से दिखाई देगा. पुणे के लाखों लोग इसे देख सकेंगे.”

उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी ने 17 सितंबर से महात्मा गांधी की जयंती (2 अक्टूबर) तक ‘सेवा पखवाड़ा’ का आयोजन किया है. इस दौरान वृक्षारोपण, मैराथन, ‘एक पेड़ मां के नाम’, स्वास्थ्य जांच शिविर जैसे अनेक कार्यक्रम होंगे. पुणे में सभी पार्टी कार्यकर्ताओं ने मिलकर व्यापक तैयारियां की हैं. युवा मोर्चा के तहत मैराथन का आयोजन हो रहा है. एसपी कॉलेज मैदान पर पिछले दो दिनों से कार्यक्रम चल रहे हैं. एक दिन पहले को दिव्यांगजनों के लिए विशेष कैंप लगा, जिसमें 1000 से अधिक दिव्यांगों को जीवन सुगम बनाने के लिए 2000 वस्तुओं का वितरण किया गया.

मोहोल ने अमेरिकी President डोनाल्ड ट्रंप के फोन कॉल का जिक्र करते हुए कहा, “ट्रंप ने पीएम मोदी को शुभकामनाएं दीं. यह दर्शाता है कि हमारे नेता वैश्विक स्तर पर कितने प्रभावशाली हैं. जब हम विकसित India की बात करते हैं, तो समाज के अंतिम व्यक्ति से लेकर अर्थव्यवस्था को विश्व की चौथी सबसे बड़ी बनाने तक, ये सभी उपलब्धियां गर्व का विषय हैं.”

एससीएच