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Mumbai , 6 नवंबर . मुंब्रा ट्रेन दुर्घटना मामले में जीआरपी ने अपनी प्रारंभिक जांच के आधार पर रेलवे विभाग के दो इंजीनियरों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया. इस कार्रवाई से नाराज होकर Thursday को रेलवे कर्मचारियों और इंजीनियरों के संघ ने विरोध प्रदर्शन किया.
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि दुर्घटना की जिम्मेदारी केवल तकनीकी कर्मचारियों पर नहीं थोपी जानी चाहिए, बल्कि पूरे सिस्टम की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए जाने चाहिए.
विरोध प्रदर्शन के चलते सेंट्रल व हार्बर लाइन की लोकल ट्रेन सेवाएं बाधित हो गईं. सीएसएमटी (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस) स्टेशन पर कई ट्रेनें खड़ी रहीं और हजारों यात्री घंटों तक प्लेटफॉर्म पर फंसे रहे. मोटरमैन और तकनीकी कर्मचारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसके कारण लोकल सेवाएं पूरी तरह ठप हो गईं. इस अचानक हुए बंद से लाखों यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा.
रेलवे प्रशासन ने तुरंत यूनियन प्रतिनिधियों से बातचीत शुरू की. Police और रेलवे अधिकारियों ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की और कर्मचारियों को समझाया कि जांच निष्पक्ष होगी तथा दोषियों पर ही उचित कार्रवाई की जाएगी.
लंबे संवाद और आश्वासन के बाद शाम करीब 6:45 बजे से सीएसएमटी से लोकल ट्रेनों की आवाजाही धीरे-धीरे बहाल कर दी गई.
Mumbai के मुंब्रा स्टेशन के पास 9 जून 2025 को हुई दर्दनाक रेल दुर्घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया था. यह हादसा दिवा और मुंब्रा रेलवे स्टेशन के बीच उस समय हुआ, जब कसारा और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस की ओर जाने वाली दो लोकल ट्रेनें एक तीव्र मोड़ पर एक-दूसरे को पार कर रही थीं. इस दौरान ट्रेन के पायदान पर खड़े कुछ यात्रियों के बैग बाहर निकले हुए थे, जो दूसरी ट्रेन में सवार यात्रियों के बैग या शरीर से टकरा गए. टकराव के कारण कई यात्री संतुलन खोकर पटरी पर गिर पड़े. इस दर्दनाक घटना में पांच यात्रियों की मौत हो गई, जबकि आठ लोग गंभीर रूप से घायल हुए.
घटना के बाद रेलवे प्रशासन ने जांच शुरू की, जिसमें ट्रैक के रखरखाव और सुरक्षा मानकों की अनदेखी की बात सामने आई. जांच रिपोर्ट के आधार पर एक नवंबर को सहायक मंडल इंजीनियर विशाल डोलास, वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर समर यादव और अन्य संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया गया.
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पीआईएम/वीसी