मुंबई, 23 मई . कोलन, मेटास्टैटिक प्रोस्टेट और थायराइड के कैंसर से पीड़ित जाम्बिया के 77 वर्षीय एक व्यक्ति को मुंबई के डॉक्टरों ने नई जिंदगी दी है.
मरीज जॉर्ज नामाकांडो को मलाशय से रक्तस्राव और कब्ज के लक्षणों के साथ मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में लाया गया था.
उन्होंने 2015 में बढ़े हुए प्रोस्टेट यानि प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) की सर्जरी करवाई थी.
जसलोक हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टरों ने उनकी बड़ी आंत में कुछ गड़बड़ी देखी, जिसकी सिगमोइड कोलन के कैंसर के रूप में पहचान की गई. इसके अलावा मेटास्टेसिस का संकेत देने वाले व्यापक ऑस्टियो स्क्लेरोटिक के साथ एक बढ़ी हुई प्रोस्टेट देखी गई.
पीईटी स्कैन सहित इमेजिंग अध्ययनों से सिगमोइड कोलन ट्यूमर, थायरॉयड कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर का पता चला.
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जन, सिर और गर्दन के कैंसर सर्जन, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट और एक न्यूक्लियर मेडिसिन स्पेशलिस्ट की एक टीम ने प्रोस्टेट कैंसर के लिए ल्यूटेटियम पीएसएमए विकिरण थेरेपी के बाद कोलन और थायरॉयड कैंसर के लिए सर्जिकल हस्तक्षेप का फैसला किया.
6 जनवरी, 2024 को जॉर्ज की सिंगल एनेस्थीसिया के तहत एक साथ दो बड़ी सर्जरी की गईं. यह दोनों सर्जरी लगभग 7 से 8 घंटे तक चली.
जसलोक अस्पताल में न्यूक्लियर मेडिसिन के निदेशक डॉ. विक्रम लेले ने कहा, “मरीज को एक ही समय में कोलन, मेटास्टैटिक प्रोस्टेट और थायराइड के कैंसर था. अलग-अलग आइसोटोप के साथ पीईटी सीटी स्कैन से यह जानने में मदद मिली कि इन तीनों कैंसर से शरीर में कौन सी घातक बीमारी फैल गई है.”
उन्होंने कहा, “थायराइड कैंसर का इलाज बाद में रेडियोधर्मी आयोडीन थेरेपी से किया जाएगा.”
डॉक्टर ने कहा कि जॉर्ज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब उनकी हालत ठीक है.
जॉर्ज ने मेडिकल टीम को धन्यवाद देते हुए कहा, “मैं अनुभवी डॉक्टरों की पूरी टीम की वजह से ही बच पाया हूं. उन्होंने हमेशा मेरे परिवार को हर छोटी से छोटी जानकारी से अवगत कराया.”
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एमकेएस/