Mumbai , 7 अगस्त . Mumbai की चारकोप पुलिस ने आरबीएल बैंक की कर्मचारी डॉली कोटक को गिरफ्तार किया है. उस पर अपने पूर्व साथी, एक आईटी पेशेवर, पर झूठा बलात्कार का केस दर्ज करवाकर एक करोड़ की उगाही करने का आरोप है. पुलिस ने अपनी तहकीकात में पाया कि डॉली ने कथित तौर पर पीड़ित को जेल भेजने की साजिश रची और उसकी जमानत के लिए “अनापत्ति” बयान के बदले पैसे मांगे.
पुलिस के अनुसार, डॉली ने पीड़ित को एक महीने से अधिक समय तक जेल में रखवाने के बाद उसकी बहन से कोर्ट परिसर में मुलाकात की और एक करोड़ की मांग की. उसने धमकी दी कि अगर पैसे नहीं मिले, तो वह प्रेस के जरिए पीड़ित को बदनाम कर देगी. उसने इस धमकी को अंजाम भी दिया. पीड़ित के बार-बार मना करने के बावजूद, डॉली ने फोन कॉल्स और वकील के दफ्तर में मुलाकात के जरिए दबाव बनाया.
मामला तब और गंभीर हो गया, जब पता चला कि डॉली ने तीन अन्य बैंक कर्मचारियों, हर्ष श्रीवास्तव (एचडीएफसी बैंक), अनंत रुइया (एचडीएफसी बैंक), और जयेश गायकवाड़ (आईसीआईसीआई बैंक), की मदद से पीड़ित और उसकी पत्नी के निजी और वित्तीय डेटा तक अवैध पहुंच बनाई. उसने पीड़ित के मोबाइल नंबर को उनके ईमेल प्रोफाइल से जोड़कर ऑनलाइन बैंकिंग विवरण, जीपीएस लोकेशन, निजी तस्वीरें और संदेशों तक पहुंच हासिल की. मई 2024 में पीड़ित को डॉली के नंबर से धमकी भरा मैसेज मिला, जिसमें लिखा था, “तुम कभी नहीं जीतोगे और दर्द में मरोगे. पैसे दो या जेल में मरो.”
डॉली ने पीड़ित के नियोक्ता के मानव संसाधन विभाग को ईमेल भेजकर उनकी नौकरी छुड़वा दी, जिसके चलते पीड़ित को भारी दबाव में इस्तीफा देना पड़ा.
पुलिस की निष्क्रियता से परेशान होकर पीड़ित ने बोरीवली मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया. कोर्ट ने चारकोप पुलिस को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 175(3) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. प्राथमिकी में डॉली कोटक, उसके भाई सागर कोटक, दोस्त प्रमीला वाज और तीन बैंक कर्मचारियों के नाम शामिल हैं. उन पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.
डॉली का नाम डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में एक अन्य उगाही के मामले में भी सामने आया है, जहां उसने वित्तीय लाभ के लिए झूठा दुष्कर्म का आरोप लगाया था. उसका भाई सागर कोटक मालवणी पुलिस स्टेशन में एक नाबालिग से जुड़े अपहरण और दुष्कर्म के मामले में जमानत पर है.
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एसएचके/केआर