बेंगलुरु, 16 अक्टूबर . मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) की ओर से जमीन आवंटन में कथित अनियमितताओं के आरोपों के बीच प्राधिकरण के अध्यक्ष के. मैरीगौड़ा ने बुधवार को अपना इस्तीफा दे दिया है. वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के विश्वासपात्र माने जाते हैं.
मैरीगौड़ा ने बेंगलुरु के विकास सौध में शहरी विकास विभाग की सचिव दीपा चोलन को अपना इस्तीफा सौंप दिया. कथित तौर पर सीएम सिद्दारमैया के निर्देश पर इस्तीफा सौंपा गया है. इस्तीफा देने से पहले मैरीगौड़ा ने मुख्यमंत्री से उनके कावेरी स्थित आवास पर मुलाकात की.
इस्तीफा देने के बाद मैरीगौड़ा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, मैंने इस्तीफा दे दिया है. मुडा की जांच चल रही है और इसे जारी रहने दीजिए. मैं इस पर टिप्पणी नहीं करूंगा कि यह घोटाला है या नहीं. जांच चल रही है और सच्चाई सामने आ जाएगी.”
इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया कि उन पर इस्तीफा देने का कोई दबाव नहीं था.
उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रशंसा करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री सिद्दारमैया हमारे नेता हैं और हम 40 साल से साथ हैं. उन्होंने मुझे तालुक और जिला पंचायतों का अध्यक्ष बनाया था. सीएम ने हमें कभी भी अवैध काम करने के लिए नहीं कहा. मुडा मामले में भी सीएम ने कोई दबाव नहीं डाला.”
मैरीगौड़ा ने दावा किया, “मुझे दो बार स्ट्रोक आ चुका है. मैं स्वस्थ नहीं हूं. मैंने पद पर बने रहने में असमर्थता जताते हुए इस्तीफा दे दिया है. यह भी सच नहीं है कि शहरी विकास मंत्री बिरथी सुरेश ने मुझ पर इस्तीफा देने के लिए दबाव डाला है.”
हाल ही में सीएम सिद्दारमैया की पत्नी पार्वती ने मुडा से उन्हें आवंटित 14 प्लॉट को अपनी इच्छा से वापस कर दिया था.
बता दें कि इससे पहले, जब मैरीगौड़ा मैसूरु में मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के साथ कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, तब उनके समर्थकों ने उनका विरोध किया था. सीएम के समर्थकों ने आरोप लगाया था कि मैरीगौड़ा की वजह से सिद्दारमैया को परेशानी हुई.
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एफजेड/एकेजे