नई दिल्ली, 9 सितंबर . एमपॉक्स के जिस संदिग्ध मरीज को आइसोलेशन में रखा गया था, उसमें इस वायरस की पुष्टि हो गई है. हालांकि, राहत की बात है कि वह एमपॉक्स के क्लेड-2 से पीड़ित है, जो 2022 में फैला था, न कि क्लेड-1 से, जो इस समय महामारी का रूप ले चुका है और अफ्रीकी देशों को काफी प्रभावित कर रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि संक्रमण प्रभावित देश की यात्रा से लौटे जिस युवक की पहचान एमपॉक्स के संदिग्ध के रूप में हुई थी, “प्रयोगशाला की जांच में उसमें एमपॉक्स के वेस्ट अफ्रीकन क्लेड-2 की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.”
मंत्रालय ने बताया कि जुलाई 2022 से क्लेड-2 संक्रमण का देश में यह 30वां मामला है और यह “(डब्ल्यूएचओ द्वारा रिपोर्ट किये गये) मौजूदा सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति से जुड़ा हुआ नहीं है”. डब्ल्यूएचओ ने एमपॉक्स के क्लेड-1 को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया हुआ है.
मंत्रालय ने अब भी यह नहीं बताया है कि मरीज कहां भर्ती है और किस राज्य से है. उसने बताया कि उसे फिलहाल एक टर्सियरी अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है. उसकी स्थिति स्थिर है.
इस बीच विशेषज्ञों का कहना है कि एमपॉक्स को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. चूंकि, संक्रमण केवल यौन संबंध या किसी आंतरिक शारीरिक संपर्क के माध्यम से फैल रहा है, इसलिए यह कोविड-19 जैसी बड़ी समस्या नहीं बनेगा.
इसमें बुखार आता है और शरीर पर दाने निकलते हैं. यह बीमारी चार सप्ताह में अपने-आप ठीक हो जाती है. इस दौरान संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में आने से बचने और उसके द्वारा इस्तेमाल किये गये सामानों को छूने से परहेज करने की सलाह दी जाती है.
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एकेजे/एबीएम