Bhopal , 8 अक्टूबर . Madhya Pradesh के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में जहरीले कफ सिरप पीने से 10 मासूम बच्चों की मौत पर मचा सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है.
इस क्रम में Madhya Pradesh के स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल का बड़ा बयान आया है. छिंदवाड़ा में कफ सिरप से हुई मौतों पर उन्होंने कहा कि Madhya Pradesh Government यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी अपराधी बच न पाए. यह पूरी घटना तमिलनाडु की एक फैक्ट्री के कारण हुई है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में Madhya Pradesh Government के अधिकारी उतने दोषी नहीं हैं जितनी तमिलनाडु Government की व्यवस्था है. निर्माण के लिए लाइसेंस देने की व्यवस्था राज्य की जिम्मेदारी है. हम इस मामले की जांच के लिए तमिलनाडु Government को पत्र लिख रहे हैं. एक Police टीम तमिलनाडु भी जा रही है और सभी जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करेगी, क्योंकि डॉक्टर का नाम भी First Information Report में है, इसलिए सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि Chief Minister मोहन यादव स्वयं इस संवेदनशील मामले पर पूरी तत्परता से नजर रख रहे हैं. हमारी प्राथमिकता प्रभावित बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है. उनके इलाज का पूरा खर्च Madhya Pradesh Government वहन करेगी. इस मामले में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि छिंदवाड़ा की घटना में दवा तमिलनाडु से बनकर आई थी. कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, जिस राज्य में फैक्ट्री है, वहां लाइसेंस जारी करना, निरीक्षण करना और उत्पादित प्रत्येक बैच को प्रमाणित करना उस राज्य Government की जिम्मेदारी है. अब सवाल यह है कि तमिलनाडु Government से इसमें क्या गलती हुई? किस अधिकारी ने गलती की? क्या प्रमाणपत्र सही तरीके से जारी नहीं किया गया था? इस मामले की जांच जरूरी है.
बता दें कि Madhya Pradesh के छिंदवाड़ा में कफ सिरप के सेवन से 10 बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए Governmentी डॉक्टर होते हुए निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करने वाले प्रवीन सोनी को निलंबित कर दिया था.
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एमएस/डीकेपी