New Delhi, 18 अगस्त . GST की दरों में सुधार, इनकम टैक्स में कटौती, मौद्रिक नीति में नरमी, नौकरियों में वृद्धि और वास्तविक मजदूरी के बढ़ने से India में घरेलू मांग और खपत के लिए आउटलुक बेहतर हो रहा है. यह जानकारी Monday को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई.
वैश्विक निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि GST में सुधार से वृद्धि दर, महंगाई दर और राजकोषीय संतुलन पर सार्थक असर हो सकता है, साथ ही मौद्रिक नीति पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा.
छोटी अवधि में वॉल्यूम वृद्धि पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि उपभोक्ता नई GST व्यवस्था पर स्पष्टता आने तक अपने खर्च को टाल सकते हैं.
रिपोर्ट में बताया गया कि नई GST दरें लागू होने के बाद, संभावित स्थगित मांग में सुधार के साथ-साथ चीजों के सस्ते होने के कारण भी समर्थन मिलना चाहिए, क्योंकि अप्रत्यक्ष कर सीधे तौर पर अफोर्डेबिलिटी से जुड़े हैं.
मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषण के मुताबिक, “इस सुधार का असर देश की जीडीपी के 0.5-0.6 प्रतिशत के बराबर होगा.”
वैश्विक निवेश फर्म ने आगे कहा कि महंगाई में 40 आधार अंक की गिरावट देखने को मिल सकती है और आय में कमी के कारण केंद्र और राज्य के राजकोषीय संतुलन पर असर हो सकता है. हालांकि, इसकी आंशिक भरपाई हाई जीडीपी ग्रोथ और प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार से हो सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया, “हम उम्मीद करते हैं कि विकास पर शुद्ध प्रभाव सकारात्मक होगा क्योंकि अप्रत्यक्ष कर कटौती का गुणक 1.1 है, जिसका अर्थ है 50-70 आधार अंकों की संभावित वृद्धि.”
Prime Minister Narendra Modi ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए भाषण में GST व्यवस्था में व्यापक बदलावों का संकेत देते हुए कहा, “इस दिवाली, मैं आपके लिए दोहरी दिवाली मनाने जा रहा हूं. देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है, आम घरेलू वस्तुओं पर GST में भारी कटौती होगी.”
Prime Minister मोदी ने GST दरों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और इसे “समय की मांग” बताया. उन्होंने घोषणा की, “GST दरों में भारी कमी की जाएगी. आम लोगों के लिए कर कम किया जाएगा.”
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एबीएस/