देहरादून, 4 अगस्त . उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश के बीच कई श्रद्धालु रास्ते में फंस गए हैं. उन्हें बचाने के लिए सरकार की ओर से लगातार प्रयास किया जा रहा है. अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
उत्तराखंड नागर विमानन विकास प्राधिकरण के अपर सचिव सी. रवि शंकर ने रविवार को बताया कि लोगों को रेस्क्यू करने के लिए छह हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. साथ ही दो विशेष हेलीकॉप्टरों का प्रयोग भी किया जा रहा है. मौसम खराब होने के कारण बीच-बीच में रेस्क्यू ऑपरेशन को रोका भी जाता है.
उन्होंने बताया कि अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. अभी कुछ लोग रास्ते में और फंसे हुए हैं, जिन्हें जल्द से जल्द रेस्क्यू कर लिया जाएगा. रेस्क्यू ऑपरेशन दो दिन और चलने की उम्मीद है.
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में हो रही लगातार बारिश और पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के कारण कई सड़कें बंद हैं. चार धाम यात्रा शुरू होने के कारण जगह-जगह पर कई हजार श्रद्धालु फंसे हुए हैं.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक्स पर पोस्ट कर बताया कि केदारघाटी में जारी रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सेना की मदद से सर्च अभियान शुरू किया जा रहा है. सेना ने दो स्निफर डॉग यात्रा मार्ग के लिए रवाना कर दिए हैं. डॉग यूनिट मौके पर पहुंच गई है. हेलीकॉप्टर के माध्यम से इन्हें लिनचोली उतारा जा चुका है जहां से पूरे क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू किया जाएगा.
एक अन्य पोस्ट में बताया गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशन में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिनचोली के लिए रवाना कर दिया गया है. लिनचोली से इन सभी को एयर लिफ्ट कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा.
केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा खाने के पैकेट, पानी की बोतलें और फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उधर, रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ और एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है. ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार खाने के पैकेट, पानी चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाये जा रहे हैं. अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एवं स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
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डीकेएम/एकेजे