टोक्यो, 2 मार्च . जापान में एक सरकारी सर्वेक्षण के अनुसार, 80 प्रतिशत से अधिक जापानी लोग मृत्युदंड का समर्थन करते हैं. मौत की सजा का समर्थन करने वालों का इस प्रणाली का अस्तित्व बने रहना जरूरी है.
प्रमुख समाचार पोर्टल क्योडो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह सर्वेक्षण हर पांच साल में आयोजित किया जाता है. लगातार पांचवीं बार सरकारी सर्वेक्षण में मृत्युदंड का समर्थन में 80 प्रतिशत से अधिक रहा.
हालिया सर्वे में, मृत्युदंड के लिए समर्थन 2019 में किए गए पहले सर्वेक्षण की तुलना में 2.3 अंकों की वृद्धि के साथ 83.1 प्रतिशत तक पहुंच गया.
इसी समय, मृत्युदंड को खत्म करने का समर्थन करने वाले लोगों के प्रतिशत में 7.5 अंकों की महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई, जो 16.5 प्रतिशत तक पहुंच गई.
66.2 प्रतिशत लोगों के लिए मृत्युदंड के समर्थन का मुख्य कारण हिंसक अपराध के शिकार पीड़ित और उनके परिवारों के प्रति चिंता थी.
55.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि हिंसक अपराधों की कीमत जान देकर चुकाई जानी चाहिए. 53.4 फीसदी ने कहा कि मृत्युदंड हटाए जाने से जघन्य अपराधों में वृद्धि होगी.
दूसरी ओर, मृत्युदंड को समाप्त करने के पक्ष ले रहे लोगों का बड़ा हिस्सा, [जिसमें 71 प्रतिशत लोग शामिल थे], ने तर्क दिया कि मृत्युदंड के मामले में यदि गलती हुई तो इसे सुधारा नहीं जा सकता.
कई लोगों ने कहा कि अगर पैरोल के बिना आजीवन कारावास की सजा शुरू की जाती है तो मृत्युदंड को समाप्त कर दिया जाना चाहिए.
क्योडो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह सर्वेक्षण अक्टूबर और दिसंबर के बीच किया गय, जब 88 वर्षीय इवाओ हाकामाडा को 1966 के चार लोगों के हत्याकांड के मामले में चार दशक से अधिक समय के बाद 2024 में दोबारा सुनवाई में बरी कर दिया गया.
जापानी न्याय मंत्रालय के अनुसार, 2007 से अब तक जापान में 77 लोगों को फांसी दी जा चुकी है. जुलाई 2022 के बाद से जापान में किसी को फांसी नहीं दी गई है.
जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका ही एकमात्र जी-7 देश हैं जो अब भी मृत्युदंड का इस्तेमाल करते हैं. जापान में मृत्युदंड को जनता का भरपूर समर्थन प्राप्त है और इसे खत्म करने पर शायद ही कभी चर्चा होती है.
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