बांग्लादेश में 500 से ज्यादा कारखाने बंद, लाखों नौकरियां गईं : अवामी लीग

ढाका, 26 अगस्त . पूर्व Prime Minister शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का कहना है कि पिछले एक साल के दौरान बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था बर्बाद हुई है. पार्टी ने कहा कि सैकड़ों कारखाने बंद हुए हैं, जिससे हजारों श्रमिक बेरोजगार हुए हैं.

पिछले एक साल से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में चल रही है. इस दौरान सैकड़ों कारखानों के बंद होने से देश में बेरोजगारी बढ़ी है. इस वजह से सरकार को मजदूरों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है.

अवामी लीग ने social media प्लेटफॉर्म एक्स पर किए पोस्ट में बताया, “पिछले एक साल में देश में 500 से ज्यादा कारखाने बंद हुए हैं. लगभग 1,20,000 लोग बेरोजगार हुए हैं. मजदूरों के पास बेरोजगार होकर अपने गांव लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. एक साल में 26.6 अरब डॉलर के बकाया कर्ज में वृद्धि हुई है. वित्तीय प्रणाली में कर्ज ने संकट बढ़ा दिया है.”

पार्टी के मुताबिक, “बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक से संघर्षरत उद्योगों को सहायता की अपेक्षा थी. 1,300 से ज्यादा कंपनियां, जिनमें अधिकांश कपड़ा, परिधान और चमड़ा क्षेत्र से जुड़ी हैं, ने ऋण पुनर्निर्धारण के लिए आवेदन किया है. अब तक केवल 280 को ही मंजूरी मिली है. धीमी निर्णय प्रक्रिया और नौकरशाही जनित बाधाओं के कारण उद्यमी सहायता के लिए प्रतीक्षारत हैं.”

अवामी लीग ने कहा, “हमारा नकदी प्रवाह रुका हुआ है. उत्पादन धीमा हो रहा है, मजदूरों की नौकरियां जा रही हैं और आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान नहीं हो रहा है. इस दर से, कई व्यवसाय टिक नहीं पाएंगे.”

अवामी लीग के मुताबिक, व्यापार प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि अगर गति नहीं बदली, तो सभी आवेदनों पर कार्रवाई करने में पांच साल लग सकते हैं. बैंकिंग क्षेत्र में चूके हुए ऋणों की संख्या दो गुना से ज्यादा बढ़ गई है.

पार्टी ने ढाका स्थित साउथ एशियन नेटवर्क ऑन इकोनॉमिक मॉडलिंग के कार्यकारी निदेशक सेलिम रेहान के हवाले से कहा कि केंद्रीय बैंक को वास्तविक कर्जदारों को डूबने से बचाने के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए.

रेहान ने कहा, “केंद्रीय बैंक को उद्योगों और नौकरियों की रक्षा के लिए तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए.”

अवामी लीग ने बताया कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ परिधान और कपड़ा उद्योग है. अगर तत्काल सुधार नहीं हुए तो इस क्षेत्र की स्थिति बदतर हो सकती है.

इस महीने की शुरुआत में, सैकड़ों रेडीमेड गारमेंट (आरएमजी) मजदूरों ने गाजीपुर जिले में ढाका-मयमनसिंह राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया, सड़कें जाम कीं और बंद कारखानों को फिर से खोलने और उनके बकाया वेतन का तुरंत भुगतान करने की मांग की.

ऐसे प्रदर्शन लगातार हो रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि कारखाने को बंद करने के फैसले में उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जाए या बंद कपड़ा कारखाने को फिर से खोला जाए.

पीएके/एबीएम