New Delhi, 18 सितंबर . वित्त वर्ष 2025-26 के पहले पांच महीनों में ही स्मार्टफोन निर्यात 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 55 प्रतिशत की वृद्धि है. Thursday को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि India में प्रति वर्ष 33 करोड़ से अधिक मोबाइल फोन का निर्माण हो रहा है और औसतन लगभग एक अरब मोबाइल फोन इस्तेमाल किए जा रहे हैं.
2025 की दूसरी तिमाही में, India चीन को पीछे छोड़कर संयुक्त राज्य अमेरिका को शीर्ष स्मार्टफोन निर्यातक बन गया.
आधिकारिक बयान के अनुसार, “समग्र तस्वीर भी उज्ज्वल है. उदाहरण के लिए, India के मोबाइल फोन निर्माण क्षेत्र ने पिछले एक दशक में 12 लाख से अधिक रोजगार सृजित किए हैं, जिससे परिवारों का उत्थान हुआ है और India का सामाजिक-आर्थिक ताना-बाना मजबूत हुआ है.”
India का स्मार्टफोन बाजार तेजी से विकसित हो रहा है और उपभोक्ताओं की प्राथमिकताएं 5जी अपनाने और प्रीमियम सुविधाओं की ओर बढ़ रही हैं.
मार्केट रिसर्च के अनुसार, पिछले साल कुल शिपमेंट में 5जी स्मार्टफोन की शिपमेंट बढ़कर 82 प्रतिशत हो गई, जो सालाना आधार पर 49 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है.
10,000 रुपए से 13,000 रुपए के बीच की कीमत वाले मध्यम श्रेणी के उपकरणों की मांग में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, जिससे उच्च-प्रदर्शन वाले और किफायती स्मार्टफोन का आधार बढ़ रहा है.
इसी दौरान, 25,000 रुपये से ऊपर प्रीमियम सेगमेंट में भी जबरदस्त वृद्धि देखी गई, जिसमें सालाना आधार पर 26 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई.
यह गतिशीलता India की बाजार अनुकूलन क्षमता को दर्शाती है, जिसमें प्रीमियम, मध्यम श्रेणी और मूल्य खंडों में वृद्धि हुई है.
Union Minister अश्विनी वैष्णव के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में India की यात्रा तैयार माल से शुरू होकर, सब-असेंबली तक आगे बढ़ते हुए और अब गहन घटक निर्माण के महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर रही है.
यह क्षेत्र लगातार तीसरे चरण में आगे बढ़ रहा है, जो वैल्यू एडिशन, आत्मनिर्भरता और इकोसिस्टम की गहराई में एक महत्वपूर्ण छलांग का प्रतीक है. इलेक्ट्रॉनिक्स का कुल उत्पादन 2014-15 के 1.9 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 11.3 लाख करोड़ रुपए हो गया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में आई तेजी की सबसे बड़ी उपलब्धि मोबाइल फोन रहे हैं. मोबाइल फोन का उत्पादन 2014-15 के 18,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024-25 में 5.45 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो 28 गुना वृद्धि है.
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