‘वर्ल्ड ट्रेड एक्सपो’ के पांचवें संस्करण में हिस्सा लेंगे 30 से ज्यादा देश, 117 अरब डॉलर के निर्यात के खुलेंगे अवसर

मुंबई, 13 अक्टूबर . देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 17 से 18 अक्टूबर तक होने वाले ‘वर्ल्ड ट्रेड एक्सपो’ के पांचवें संस्करण में 30 से ज्यादा देश हिस्सा लेंगे. इसमें वे भारत से 117 अरब डॉलर की निर्यात की संभावना को तलाशेंगे.

भारत के कपड़ा, फार्मा, केमिकल, ऑटोमोबाइल और कंपोनेंट एवं मशीनरी जैसे क्षेत्रों में निर्यात की प्रबल संभावनाएं हैं.

अमेरिका रत्न और आभूषण, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल और कंपोनेंट और मशीनरी जैसे क्षेत्रों में 46 अरब डॉलर का अधिकतम अप्रयुक्त निर्यात अवसर प्रदान करता है.

इस इवेंट के आयोजक वर्ल्ड ट्रेड सेंटर मुंबई और ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्रीज (एआईएआई) के मुताबिक, भाग ले रहे देश में डायमंड, एग्रो-केमिकल, आयरन और स्टील, ज्वेलरी और मोटर वाहन के निर्यात की सबसे अधिक संभावना है.

इस कार्यक्रम में ‘हरित और नवीकरणीय ऊर्जा’ पर समर्पित सत्र में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी के मुख्य अतिथि होने की उम्मीद है.

भाग लेने वाले देशों और क्षेत्रों के राजदूत और व्यापार मिशन अपने देशों में व्यापार, निवेश, पर्यटन, शिक्षा और प्रौद्योगिकी विनिमय क्षमता का प्रदर्शन करेंगे.

इस इवेंट में अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के विकसित और विकासशील देश शामिल होंगे. ये देश सामूहिक रूप से भारत के कुल व्यापारिक व्यापार का 28 प्रतिशत, व्यापारिक निर्यात का 35 प्रतिशत और आयात का 24 प्रतिशत हिस्सा हैं.

वित्त वर्ष 24 में भारत ने इन देशों के साथ 10 अरब डॉलर से अधिक का व्यापार घाटा दर्ज किया. वे अयस्कों और खनिजों, अर्धचालकों, अन्य इलेक्ट्रॉनिक स्पेयर पार्ट्स, कोयला और खाद्य तेल जैसी कृषि-वस्तुओं के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं, जो भारत की ऊर्जा, खनिज और खाद्य सुरक्षा में उनके महत्व को रेखांकित करता है.

भारत ने मलेशिया, श्रीलंका, दक्षिण कोरिया और मॉरीशस जैसे कई देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. इंडोनेशिया, वियतनाम और थाईलैंड जैसे अन्य भाग लेने वाले देश 10 सदस्यीय आसियान देशों का हिस्सा हैं, जिनके साथ भारत का व्यापार समझौता है.

एबीएस/एबीएम