नई दिल्ली, 30 जून . अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) ने सामाजिक सुरक्षा कवरेज को लेकर भारत को वैश्विक स्तर पर दूसरा स्थान दिया है. पिछले 10 वर्षों में भारत की सामाजिक सुरक्षा कवरेज जनसंख्या के 19 प्रतिशत हिस्से से बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो गई है, देश की इस उपलब्धि पर पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के सीईओ और सेक्रेटरी जनरल डॉ. रंजीत मेहता ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की बदौलत ही आज 25 करोड़ से अधिक लोग गरीबी से बाहर निकले हैं.
डॉ. रंजीत मेहता ने न्यूज एजेंसी से कहा, “पीएम मोदी खुद एक ऐसे लीडर हैं, जो कभी खुद संघर्षमयी जीवन का हिस्सा रहे. उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों से कनेक्ट करते हुए देश की जनता के लिए कई बड़ी योजनाओं की घोषणा की है. उन्होंने लाल किला से अपने सबसे पहले भाषण में स्वच्छ भारत मिशन के तहत फ्री टॉयलेट को लेकर घोषणा की थी.”
मेहता ने आगे कहा, “देश के हर व्यक्ति के पास एक घर की जरूरत को समझते हुए आवास योजना लाई गई, जिसके तहत पक्का घर उपलब्ध करवाने की मुहीम पर काम चल रहा है. इसके अलावा, कोरोना जैसे समय में भी भारत का शायद ही कोई व्यक्ति भूखे पेट सोया होगा. गरीबों के लिए फ्री राशन योजना से लेकर घर में चूल्हा जलाने वालों के लिए उज्जवला जैसी योजना, किसानों के लिए योजनाएं और पेंशन जैसी स्कीम के साथ भारत को लगातार लाभ मिलना सुनिश्चित हुआ है.”
आयुष्मान भारत योजना को लेकर उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाओं का बहुत बड़ा लाभ मिलता है. आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया जा रहा है. भारत का गरीब से गरीब व्यक्ति भी किसी भी अस्पताल में इस योजना के तहत अपना इलाज करवा सकता है.
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि किसी घर में कोई कमाने वाला मुख्य सदस्य ही बीमार पड़ जाए तो पूरे घर की नींव हिल जाती है. ठीक ऐसी स्थिति में सरकार की इस तरह की योजनाओं की भूमिका अहम हो जाती है.
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एसकेटी/एबीएस