झारखंड : जामताड़ा में पुल धंसा, 150 से भी अधिक गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूटा

जामताड़ा, 29 जुलाई . झारखंड के जामताड़ा और देवघर जिला मुख्यालयों को जोड़ने वाला दक्षिण बहाल पुल Tuesday को पानी के तेज बहाव में ध्वस्त हो गया. पुल धंसने से जामताड़ा जिला मुख्यालय से 150 से भी अधिक गांवों का संपर्क भी पूरी तरह बंद हो गया है.

यह पुल 1980 में बोल्डर के सहारे बनाया गया था. इसे जामताड़ा की लाइफलाइन लाइन माना जाता है. इसके ध्वस्त हो जाने से आम जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है. यह पुल 18 जुलाई को भारी बारिश में क्षतिग्रस्त हो गया था. इसके बाद से उस पर सिर्फ दोपहिया वाहनों को चलने की अनुमति थी, लेकिन Tuesday को यह पूरी तरह धंस गया.

इसके बाद हर तरह के वाहनों की आवाजाही बंद कर दी गई है. यह इलाका State government के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का है. लोगों ने पुल ध्वस्त होने की सूचना उन्हें भी दी है. अब 100 से अधिक गांवों को जिला मुख्यालय पहुंचने के लिए 15 से 20 किलोमीटर लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है. पहले यह दूरी केवल आधा किलोमीटर थी. इसका सीधा असर छात्रों, मजदूरों और मरीजों पर पड़ा है. कई छात्र स्कूल और कॉलेज नहीं जा पा रहे हैं. मजदूरी करने वाले लोग भी शहर नहीं पहुंच पा रहे हैं.

कई गांवों के लोग इसी पुल से होकर जामताड़ा सदर अस्पताल पहुंचते थे. मरीजों को अस्पताल पहुंचने में परेशानी हो रही है. यह पुल जामताड़ा और देवघर को जोड़ता था. रोजाना हजारों की संख्या में वाहन इस पर चलते थे. अब यातायात पूरी तरह बाधित है. घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे. लोगों को क्षतिग्रस्त पुल के पास जाने से रोका जा रहा है, क्योंकि नदी में बहाव तेज है और दुर्घटना की आशंका बनी हुई है. एसडीएम अनंत कुमार ने बताया कि बैरिकेडिंग के निर्देश दिए गए हैं.

वैकल्पिक रूट ठीक करने और नए पुल के निर्माण को लेकर विभाग से पत्राचार हो रहा है. स्थानीय लोगों ने सरकार से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करने और नया पुल बनाने की मांग की है.

एसएनसी/एएस