रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती पर बोला मूडीज, कठिन समय में उठाया सही कदम

मुंबई, 9 अप्रैल . मूडीज एनालिटिक्स की इकोनॉमिक रिसर्च डायरेक्टर कैटरीना एल्ल ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कठिन समय में बाजार की उम्मीदों के मुताबिक कदम उठाकर सही काम किया है.

उनका मानना है कि केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर इसे 6 प्रतिशत करना और मौद्रिक नीति के रुख को ‘अकोमोडेटिव’ बनाने का कदम सही समय पर उठाया गया है, क्योंकि मौजूदा समय में लोग कोई सरप्राइज नहीं चाहते हैं.

एल्ल ने कहा, “अनिश्चितता का अर्थव्यवस्थाओं पर गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और इसका असर व्यापक होता है. पिछले हफ्ते, अमेरिकी सरकार की टैरिफ धमकियों के कारण बॉन्ड, मुद्रा और इक्विटी बाजारों में आश्चर्यजनक उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं.”

उन्होंने कहा, “इस उतार-चढ़ाव के दौर में, आरबीआई की पूर्वानुमानित प्रतिक्रिया से बाजार को और अधिक अस्थिरता से बचने में मदद करेगी.”

आरबीआई एमपीसी ने रेपो रेट को 25 आधार अंक कम करके 6 प्रतिशत कर दिया है, जो कि पहले 6.25 प्रतिशत था

2025 में यह लगातार दूसरा मौका है, जब केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कटौती की है. इससे पहले फरवरी में आरबीआई एमपीसी ने रेपो रेट 25 आधार अंक घटाया था.

इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति के रुख को ‘न्यूट्रल’ से बदलकर ‘अकोमोडेटिव’ कर दिया है. अकोमोडेटिव का मतलब है कि केंद्रीय बैंक आने वाले समय में मौद्रिक नीति को नरम रख सकता है.

मूडीज का मानना है कि चालू कैलेंडर वर्ष में आरबीआई रेपो रेट में 75 आधार अंक तक की कटौती कर सकता है.

अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ के कारण बढ़की अनिश्चितता के कारण, आरबीआई ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 20 आधार अंक कम करके 6.5 प्रतिशत कर दिया है जो कि पहले 6.7 प्रतिशत था.

केंद्रीय बैंक के मुताबिक, जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही में 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 6.3 प्रतिशत रह सकती है.

एबीएस/