मानसून सत्र : विपक्ष ने की इन मुद्दों पर चर्चा की मांग, सत्तापक्ष के नेता तैयार

New Delhi, 21 जुलाई . संसद का मानसून सत्र Monday से शुरू हो चुका है. यह सत्र 21 अगस्त तक चलेगा. सत्र में हिस्सा लेने वाले विभिन्न दलों के सांसदों ने से बातचीत में विभिन्न मुद्दे उठाए. विपक्ष के सांसदों ने जहां पहलगाम अटैक और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग की, तो वहीं सत्तापक्ष के सांसदों ने कहा कि हम हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं. लेकिन, बहस सार्थक होनी चाहिए.

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा, “हमने Lok Sabha और राज्यसभा में नियमों के तहत नोटिस दिए हैं. पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर, बिहार में मतदाता सूची, जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.”

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा, “केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने स्पष्ट कहा है कि विपक्ष नियमों के तहत चर्चा की मांग करे, सरकार तैयार है. ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर बहस करें, भागें नहीं.”

भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने सत्र को विकसित भारत की दिशा में महत्वपूर्ण बताते हुए कहा, “यह सत्र अच्छे विधेयकों के लिए याद किया जाएगा. विपक्ष केवल आरोप लगाता है, लेकिन बहस के लिए तैयार नहीं.”

उन्होंने विपक्ष की रणनीति को “खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे” जैसा करार दिया. सत्र के पहले दिन से ही विपक्षी सांसदों की नारेबाजी और हंगामे के कारण Lok Sabha को कई बार स्थगित करना पड़ा. सरकार ने 17 विधेयकों को पेश करने की योजना बनाई है.

भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह ने कहा, “भारत पूरी दुनिया का सिरमौर बना हुआ है. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद हम न केवल पाकिस्तान के खिलाफ, बल्कि तुर्की और चीन के खिलाफ भी लड़ रहे थे. हमारे सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाया है और यह उसका जश्न मनाने का समय है. संसद के संबंध में, हमारी सरकार सभी मामलों पर गहन चर्चा के लिए तैयार है. विपक्ष की भूमिका अभी ठीक नहीं है.”

समाजवादी पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह ने उत्तर प्रदेश के Chief Minister योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अपनी नाकामियों का ठीकरा समाजवादियों पर फोड़ रहे हैं. उन्होंने कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, “95 फीसद लोग पीडीए से हैं, सभी मूलतः समाजवादी हैं. कानून-व्यवस्था बनाए रखना Chief Minister की जिम्मेदारी है.”

कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने बिहार में बढ़ते अपराध और मतदाता सूची पुनरीक्षण के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया और कहा, “जनता ने हमें अपनी आवाज बनने के लिए चुना है. बिहार में अपराध चरम पर है और मतदाता सूची पुनरीक्षण के नाम पर गरीबों को परेशान किया जा रहा है.”

उन्होंने चुनाव आयोग से सवाल किया कि 95 फीसद फॉर्म भरने के बाद यह स्पष्ट हो कि कितने लोग नेपाल या बांग्लादेश से हैं. अगर किसी का नाम गलत तरीके से काटा गया, तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी.

संभल से सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने मुस्लिम समुदाय की परेशानियों का मुद्दा उठाया और कहा, “मुस्लिम धर्म किसी को आतंकवादी नहीं कहता, न ही किसी धर्म को बदनाम करता है. योगी जी की यह गलतफहमी है. सरकार बेवजह मुद्दों को तूल देकर राजनीति कर रही है.”

समाजवादी पार्टी के सांसद आनंद भदौरिया ने कहा, “उत्तर प्रदेश के हालात देखें तो खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं और पुलिस उन्हें पीट रही है. बिजली की स्थिति इतनी खराब है कि कई इलाकों में कई-कई दिनों तक बिजली नहीं आती. समाजवादी पार्टी पूरे सत्र में मुखर रहेगी और इन सभी मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएगी.”

एसएचके/एबीएम