कोलकाता, 16 जुलाई . पश्चिम बंगाल विधानसभा का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू होने वाला है. इसके काफी हंगामेदार रहने की संभावना है.
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सत्र के दौरान सदन में दो विशेष प्रस्ताव पेश कर सकती है.
पहला प्रस्ताव नीट को खत्म करने और अलग-अलग राज्य सरकारों द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की पुरानी प्रणाली को बहाल करने की मांग पर होगा.
हाल ही में नीट-यूजी पेपर लीक और इसमें कई तरह की अनियमितताओं का मामला सामने आया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 24 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजकर यही मांग उठाई थी.
तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, दूसरा प्रस्ताव तीन नए आपराधिक कानूनों के लागू करने को लेकर है. पार्टी का कहना है कि इसे जल्दबाजी में लागू किया गया और इस पर संसद में बहस भी नहीं हुई. मुख्यमंत्री ने पिछले महीने इसी मुद्दे पर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था.
दूसरी ओर, भाजपा राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा और कंगारू कोर्ट में सजा देने के मामलों पर चर्चा के लिए प्रस्ताव लाने पर विचार कर रही है.
हालांकि सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा, लेकिन पहले दिन यह श्रद्धांजलि के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दिया जाएगा.
विधानसभा सचिवालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार मानसून सत्र दस दिनों का होने की उम्मीद है.
उपचुनाव में चार नवनिर्वाचित विधायक उत्तर 24 परगना के बागदा से मधुपर्णा ठाकुर, नादिया के राणाघाट-दक्षिण से डॉ. मुकुट मणि अधिकारी, उत्तर दिनाजपुर के रायगंज से कृष्णा कल्याणी और कोलकाता के मानिकतला से सुप्ति पांडे के भी मानसून सत्र के दौरान शपथ लेने की उम्मीद है.
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