इस्लामाबाद, 16 जुलाई . पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने बताया कि देश में मानसून की भारी बारिश और अचानक आई बाढ़ ने 26 जून से अब तक 116 लोगों की जान ले ली है. इसके अलावा, 253 लोग घायल हुए हैं.
एनडीएमए की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 24 घंटों में बारिश से संबंधित घटनाओं में 5 और लोगों की मौतें हुई हैं, जबकि 41 लोग घायल हुए हैं.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, सबसे ज्यादा 44 मौतें पूर्वी पंजाब प्रांत में हुई हैं. इसके बाद उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा में 37, दक्षिणी सिंध में 18 और दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान में 16 मौतें दर्ज की गई हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में 1 मौत हुई और 5 लोग घायल हुए, जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान और इस्लामाबाद में कोई हताहत नहीं हुआ है.
एजेंसी ने पाकिस्तान के कई राज्यों के लिए मौसम संबंधी चेतावनी जारी की है. एनडीएमए के मुताबिक, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के कुछ हिस्सों में Thursday तक भारी बारिश और बाढ़ की आशंका जताई गई है.
पिछले सप्ताह प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने खैबर पख्तूनख्वा में 11 से 17 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान जताया था, जिससे बाढ़ का खतरा और भी बढ़ सकता है.
पाकिस्तान में मानसून जून से सितंबर तक रहता है और हर साल भारी बारिश से बाढ़, भूस्खलन और विस्थापन होता है. खासकर घनी आबादी और खराब जल निकासी वाले क्षेत्रों में ये समस्याएं बढ़ जाती हैं. सिंध के थारपारकर, मीरपुर खास, सांघर, सक्खर, लरकाना, दादू, जैकोबाबाद, खैरपुर और शहीद बेनजीराबाद में 14 से 16 जुलाई तक बारिश और तूफान के साथ भारी बारिश का पूर्वानुमान है.
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘डॉन’ के अनुसार, मौसम विभाग ने इस्लामाबाद, रावलपिंडी, गुजरांवाला, लाहौर, सियालकोट, सरगोधा, फैसलाबाद, खानेवाल, मुल्तान, साहिवाल, ओकारा, बहावलपुर, बहावलनगर, वेहारी, नौशेरा और पेशावर के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है.
26 जून से 14 जुलाई के बीच बिजली का करंट लगना बारिश से जुड़ी मौतों का प्रमुख कारण रहा है. इसके बाद अचानक आई बाढ़ ने तबाही मचाई है. जून के अंत में एक दुखद घटना में 13 पर्यटकों की नदी में बहने से मौत हो गई थी.
अधिकारियों ने निचले और जोखिम वाले क्षेत्रों में रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है. साथ ही बचाव और राहत कार्य प्रभावित क्षेत्रों में जारी हैं. हालांकि, सिंध सरकार ने नालों और सीवर लाइनों की सफाई के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए, जिससे कई इलाके जलमग्न हैं, जबकि 15 जुलाई से फिर से बारिश होने की संभावना है.
पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सिंध के हैदराबाद में घनी आबादी वाले इलाकों में मुख्य नालियां कचरे से भरी हैं और नालियों के किनारे की टूटी या गायब दीवारें ठीक नहीं की गई हैं. इस वजह से स्थानीय जनता काफी चिंतित है.
मौसम विभाग ने सिंध सरकार को बारिश की चेतावनी दी थी, जिसके बाद उच्च-स्तरीय बैठकों में आयुक्तों, उपायुक्तों और स्थानीय नगर निकायों को शहरी बाढ़ की संभावना के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए.
इससे पहले, सिंध स्थानीय निकाय विभाग ने 10 जुलाई को हैदराबाद नगर निगम सहित विभिन्न नगर निगमों को जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया था, लेकिन 48 घंटे बीतने के बाद भी कोई जमीन पर तैयारी शुरू नहीं हुई.
सरकार से हर महीने 12 लाख रुपए अनुदान मिलने के बावजूद संबंधित यूनियन समितियों ने इस स्थिति पर ध्यान नहीं दिया. वेतन और बिजली बिलों के भुगतान के बाद भी नाली रखरखाव जैसे जरूरी सामुदायिक कार्यों के लिए यह राशि उपयोग नहीं की गई.
विडंबना यह है कि हर साल सिंध सरकार और स्थानीय निकाय आपातकालीन बैठकें करते हैं और बारिश की तैयारी योजनाएं बनाते हैं, जिसके लिए बजट में लाखों रुपए आवंटित किए जाते हैं. हालांकि, वास्तव में एक भी नाले की पूरी तरह से सफाई नहीं की गई और हर साल नालों की सफाई के नाम पर फर्जी बिल भी बनाए जाते हैं.
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