पहाड़ों में मानसून बना आफत: भारी बारिश से चमोली-चंबा बेहाल, बदरीनाथ हाईवे बंद

New Delhi, 7 जुलाई . मैदान से पहाड़ों तक लगातार मानसूनी बारिश का दौर जारी है. मैदानी इलाकों में किसान और आम जनता बारिश से भले खुश हैं, लेकिन पहाड़ी इलाकों में बारिश आफत बन चुकी है. खासकर उत्तराखंड और Himachal Pradesh में बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है.

उत्तराखंड के चमोली जिले में Sunday देर रात से लगातार बारिश हो रही है. भारी बारिश का असर आम जनजीवन पर पड़ा है. जगह-जगह मलबा आने से लिंक सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और लोगों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है.

वहीं, बदरीनाथ हाईवे पर भी नंदप्रयाग और कर्णप्रयाग के बीच भारी मात्रा में मलबा आ गया है, जिससे हाईवे अवरुद्ध हो गया है. सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने गाड़ियों को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया है. मलबा हटाने का कार्य जारी है, लेकिन लगातार हो रही बारिश से इसमें कठिनाई आ रही है.

Himachal Pradesh के चंबा जिले में भी लगातार बारिश हो रही है. इस कारण नदी-नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ और अन्य दुर्घटनाओं का खतरा मंडरा रहा है.

चंबा के एसडीएम प्रियांशु खाती ने लोगों से अपील की है कि वो अनावश्यक रूप से नदी-नालों के पास न जाएं और प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें. उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क है, लेकिन आम जनता की सजगता भी बेहद जरूरी है.

एसडीएम चंबा प्रियांशु खाती ने कहा, “सभी जानते हैं कि ये मानसून का सीजन है और इस दौरान लगातार बारिश हो रही है. हमने प्रशासनिक अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं. अधिकारियों से कहा है कि वो ये देखें कि लोग खड्ड के आसपास नहीं जाएं. जो लोग खड्ड के आसपास बसेरे बना लेते हैं, उन्हें रोकने के भी निर्देश दिए गए हैं.”

प्रशासन की यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब हाल ही में जिले के कई हिस्सों में बादल फटने और जलभराव की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इन घटनाओं से सबक लेते हुए जिला प्रशासन किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतना चाहता.

Himachal Pradesh और उत्तराखंड दोनों ही राज्यों में मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. अगले कुछ दिनों तक पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है. प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सक्रिय हैं.

डीसीएच/केआर