मानसून का असर : नैनीताल में कमजोर पड़ा पर्यटन, कारोबार में मंदी

नैनीताल, 2 जुलाई . उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल में मौसम सुहाना हो गया है. लेकिन हाल ही में हुई मानसूनी बारिश और गर्मी की छुट्टियां समाप्त होने से पर्यटन उद्योग पर गहरा असर पड़ा है. राज्य के अन्य जिलों में हुई भारी बारिश और उससे उपजे हालात ने पर्यटकों के मन में डर बैठा दिया है. यही वजह है कि मौसम साफ होने के बाद भी पर्यटक नैनीताल आने से कतरा रहे हैं.

पर्यटन कारोबारियों की मानें तो इस बार टूरिज्म सीजन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. आमतौर पर जून के अंतिम सप्ताह और जुलाई की शुरुआत में नैनीताल, रानीखेत और मुक्तेश्वर जैसे हिल स्टेशनों पर पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती थी, लेकिन इस बार नजारा बिल्कुल अलग है. होटल, टैक्सी, बाजार और गाइड से लेकर झील में नाव चलाने वालों तक का कारोबार ठप पड़ा है.

होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष दिग्विजय बिष्ट ने समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान बताया कि इस बार होटल बुकिंग में 60 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है. सामान्यतः इस सीजन में 80-90 प्रतिशत बुकिंग रहती है, लेकिन यह घटकर 30-45 प्रतिशत के बीच आ गई है. बड़ी संख्या में पर्यटकों ने पहले से की गई बुकिंग भी रद्द कर दी है, जिससे होटल व्यवसायियों को बड़ा नुकसान हो रहा है.

दिग्विजय सिंह बिष्ट का कहना है कि पर्यटकों की घटती संख्या से नैनीताल के होटल कारोबार को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है. पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कारोबार में करीब 150 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. उन्होंने State government से मांग की है कि उत्तराखंड के सुरक्षित पर्यटन स्थलों को लेकर नियमित बुलेटिन जारी किए जाएं. इससे देशभर के पर्यटकों को यह संदेश जाएगा कि नैनीताल जैसे पर्यटन स्थल पूरी तरह सुरक्षित हैं. इससे पर्यटन को फिर से रफ्तार मिल सकती है.

नैनीताल के रेस्टोरेंट कारोबारी रुचिर शाह बताते हैं कि सीजन के बाद मानसून आने पर पर्यटकों की संख्या में लगातार गिरावट के चलते पर्यटन कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. सोशल मीडिया में चल रही हिमाचल और अन्य पहाड़ी राज्यों की खबरों के कारण लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. जिस वजह से पर्यटक नैनीताल आने से डर रहे हैं, लेकिन नैनीताल बिल्कुल सुरक्षित है. यहां आकर आप प्रकृति के सुंदर नजारों का आनंद ले सकते हैं.

एएसएच/एकेजे