New Delhi, 18 जून . Prime Minister Narendra Modi और कनाडा के पीएम मार्क कार्नी के बीच जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर दोनों देशों के लिए नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति करके राजनयिक प्रतिनिधित्व बहाल करने पर सहमति बनी. पंजाब से सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने Wednesday को दोनों देशों के बीच हुए इसका स्वागत करते हुए इसे बहुत जरूरी रीसेट का क्षण बताया.
इसे “बहुत जरूरी रीसेट का क्षण” बताते हुए साहनी ने कहा कि यह सकारात्मक कदम भारतीय नागरिकों, खासकर एनआरआई भाइयों और बहनों की कठिनाइयों को काफी हद तक कम करेगा, जो अपने परिवारों और मातृभूमि की यात्रा के लिए नियमित और समय पर वीजा सेवाओं का लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं.
इस नए जुड़ाव पर साहनी ने कहा कि 2024 में द्विपक्षीय माल व्यापार 8.2 अरब डॉलर से अधिक और India में कनाडाई निवेश 55 बिलियन डॉलर से अधिक होने के साथ, सहयोग का विस्तार करने की बहुत गुंजाइश है.
साहनी ने यहां एक बयान में कहा, “India अपनी जरूरत का 63 प्रतिशत पोटाश कनाडा से आयात करता है और वहां से मसूर और खाद्य तेलों का प्रमुख उपभोक्ता है. राजनयिक सामान्य स्थिति बहाल होने के साथ, हमें दोनों देशों के हितों की सेवा के लिए इस आर्थिक गलियारे को सक्रिय करना चाहिए.”
दरअसल, कनाडा के कनानास्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर Prime Minister मोदी ने दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक में कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी से मुलाकात की.
India के विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच “बहुत सकारात्मक और रचनात्मक बैठक” हुई और उन्होंने संबंधों में स्थिरता लाने के लिए “संतुलित कदम” उठाने पर सहमति व्यक्त की गई.
मिस्री ने कहा, “Prime Minister Narendra Modi और कनाडा के Prime Minister मार्क कार्नी ने कुछ समय पहले ही कनाडा के कनानास्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान एक बहुत ही सकारात्मक और रचनात्मक बैठक की है.”
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एससीएच/एकेजे