भोपाल, 2 जनवरी . मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी विधायकों को अपने क्षेत्र के विकास का विजन डॉक्यूमेंट (रोडमैप) बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि सभी विधायक क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ जन समस्याओं के निराकरण को लेकर जनसंवाद करें. जनकल्याण अभियान के मिल रहे परिणामों का आकलन करें और सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे. इसके लिए जरूरी है कि जनता के बीच जाएं, उनसे संवाद करें, उनकी समस्याएं जानें और निराकरण के लिए तुरंत कदम उठाएं.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को इंदौर संभाग में चल रही विकास गतिविधियों एवं वृहद् निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की योजनाओं का फीडबैक लेने के लिए अधिकाधिक फील्ड दौरे करें. जन-प्रतिनिधि, क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ दूरस्थ गांव (विशेषकर जनजातीय ग्राम) में रात्रि विश्राम करें. वहां ग्रामीणों से बात करें, उनकी कठिनाइयों का समाधान करें. उन्होंने दिन-ब-दिन बढ़ती सर्दी के मद्देनजर कलेक्टर एवं जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करें. जरूरतमंदों को कंबल एवं गर्म वस्त्र प्रदान करें. किसी को भी सर्दी से कठिनाई न होने पाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र के विकास के लिए विधायक यदि चाहें, तो कोई नवाचार भी कर सकते हैं. ऐसी नवाचारी गतिविधियों को अमल में लाएं, जिससे जनता को अधिकतम लाभ हो. अब सभी संभागों के प्रभारी अपर मुख्य सचिव जिलेवार समीक्षा बैठक करेंगे. इससे सभी विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र की प्रमुख मांगों एवं संवदेनशील विषयों को रखने का पर्याप्त अवसर मिलेगा. सभी कलेक्टर विधानसभावार समीक्षा बैठक करें. जिले के सभी विधायकों से चर्चा करें और उनके विधानसभा क्षेत्र का विजन डाक्यूमेंट बनाने में सहयोग भी करें.
मुख्यमंत्री ने सीएम राइज स्कूलों के निर्माण की समीक्षा में कहा कि पुराने मंजूर सीएम राइज स्कूलों का जितना भी निर्माण कार्य अभी शेष है, पहले उन्हें विशेष प्राथमिकता से पूरा कर लिया जाए. इसके बाद नए सीएम राइज स्कूलों के निर्माण का प्रस्ताव लिए जाएं.
जल संसाधन विभाग की समीक्षा में खंडवा जिले की ताप्ती-चिल्लूर वृहद सिंचाई परियोजना के बारे में जानकारी दी गई. इस पर खंडवा जिले के हरसूद से विधायक एवं जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने मुख्यमंत्री से परियोजना को जल्द से जल्द मंजूरी देने का आग्रह किया. मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा कि जल्द से जल्द इस पर काम शुरू किया जाएगा. यदि आवश्यकता हुई, तो वे स्वयं महाराष्ट्र शासन से भी इस परियोजना के संबंध में चर्चा करेंगे.
उल्लेखनीय है कि करीब 26,279 करोड़ रुपए लागत वाली इस वृहद सिंचाई परियोजना के पूरा होने पर संबंधित क्षेत्र के 81,600 हेक्टेयर रकबे में फसल सिंचाई एवं वाटर रिचार्जिंग की स्थायी सुविधा उपलब्ध होगी.
मुख्यमंत्री ने इंदौर संभाग में जल जीवन मिशन के तहत संचालित कामों की समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करें. जल जीवन मिशन सीधा जनता से जुड़ा अभियान है. यदि इस अभियान के क्रियान्वयन में कोई समस्या आ रही है, तो आपसी संवाद एवं समन्वय से उसका समाधान निकाला जाए. 20 जनवरी तक पूरे प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
बताया गया कि इंदौर संभाग के अंतर्गत अधीन जिलों में नल-जल योजना के अंतर्गत खोदी गई 3,205.83 किलोमीटर रोड के विरुद्ध अब तक 3,166.81 किलोमीटर रोड का रिस्टोरेशन कार्य गुणवत्तापूर्वक पूरा कर लिया गया है. शेष रोड का रिस्टोरेशन कार्य पाइप लाइन की टेस्टिंग के बाद पूरा कर लिया जाएगा.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर-उज्जैन के फोरलेन को सिक्स लेन में बदलने के संबंध में अब तक हुई प्रगति की जानकारी ली. बताया गया कि इस काम के लिए निर्माण एजेंसी से अनुबंध कर लिया गया है. तय निर्माण एजेंसी अनुबंध के अनुसार प्री-कंस्ट्रक्शन गतिविधियां भी तेजी से संचालित कर रही है. इंदौर सांसद ने इंदौर-देपालपुर मार्ग को फोरलेन बनाए जाने की मांग रखी. बैठक यह भी बताया गया कि मध्य प्रदेश में वर्तमान 6 एक्सप्रेसवे नियोजित हैं, जिसमें नर्मदा प्रगति पथ, विंध्य एक्सप्रेस वे, मालवा-निमाड़ विकास पथ, बुंदेलखंड विकास पथ, अटल प्रगति पथ और मध्य भारत विकास पथ का निर्माण प्रगति पर है.
मुख्यमंत्री ने बैठक में वर्चुअली जुड़े सांसदों एवं विधायकों से कहा कि यदि वे क्षेत्रीय आबादी या भौगोलिक स्तर पर जनहित में अपने जिले या तहसील का संभाग या जिला परिवर्तन कराना चाहते हैं, तो वे अपने सुझाव लिखित में राज्य सरकार द्वारा गठित परिसीमन आयोग को दे सकते हैं. प्राप्त सुझाव पर परिसीमन आयोग ही अंतिम निर्णय लेगा.
उन्होंने कहा कि सरकार बड़ी ग्राम पंचायतों को नगर परिषद में बनाने के मामलों में गंभीर है. सभी विधायक अपने क्षेत्र की ऐसी सभी बड़ी ग्राम पंचायतों को नगर परिषद में बदलने का प्रस्ताव दे दें. आबादी को लाभ और जनहित में सरकार प्रस्तावों पर समुचित निर्णय लेगी.
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