नई दिल्ली, 12 अक्टूबर . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को दशहरे के खास मौके पर सामाजिक विकास में योगदान देने वाली महान विभूतियों को याद किया. उन्होंने अहिल्यबाई होल्कर और दयानन्द सरस्वती का जिक कर कहा कि इन लोगों ने समाज के विकास में अपना अमूल्य योगदान देकर हम सभी के जीवन में गहरी छाप छोड़ी है, जो हमारे लिए आदर्श है. अब इनके आदर्शों को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा मूल कर्तव्य है.
भागवत ने कहा, “सामाजिक सद्भाव और एकता के लिए जाति और धर्म से ऊपर उठकर व्यक्तियों और परिवारों के बीच मैत्री का होना जरुरी है. लेकिन, बांग्लादेश में यह बात फैलाई जा रही है कि भारत उसके लिए एक खतरा है. सभी का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत अधिक सशक्त हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है.”
उन्होंने स्वदेशीकरण पर बल देते हुए कहा, “घर के अंदर भाषा, भोजन, वेशभूषा अपनी होनी चाहिए. यह हमारा अधिकार है. इसके साथ ही हमें अपने देश के स्थानों का भ्रमण करना चाहिए, भ्रमण ऐसा होना चाहिए जिसमें अपने देश को जनाने का मौका मिले.”
उन्होंने गणेश उत्वस के दौरान हुए पथराव की घटनाओं का जिक्र किया. उन्होंने कहा, “पिछले दिनों गणेश उत्सव के दौरान विसर्जनों पर पथराव हुआ, क्यों हुआ कोई कारण नहीं था. ऐसी गुंडागर्दी नहीं चलनी चाहिए, किसी को भी चलाने नहीं देनी चाहिए. अपने अधिकार की रक्षा करना अपना अधिकार है. पुलिस प्रशासन का काम है, रक्षा करना लेकिन उससे पहले भी अपनों की मदद करना कर्तव्य है. मैं ये वर्णन किसी को डराने के लिए नहीं कर रहा हूं. ये परिस्थिति है, हमें ऐसी परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा.”
मोहन भागवत ने अपने संबोधन में आरजीकर घटना का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, “द्रौपद्री के वस्त्र का हरण हुआ, तो महाभारत जैसे युद्ध हो गया. सीता हरण हुआ, तो रामायण हो गया. कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वो लज्जित करने वाला हो गया है. ऐसा नहीं होना चाहिए था. होने के बाद भी वहां जिस तरह की टालमटोली हुई वो अपराध और राजनीति के गठबंधन को दिखाता है.”
इसके साथ ही उन्होंने मोबाइल में बच्चों द्वारा गलत सामग्री देखे जाने पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “आज बच्चों के हाथों में भी मोबाइल दिख रहे हैं. लेकिन, इसमें वो क्या देख रहे हैं. इस पर किसी का नियंत्रण नहीं है. इस पर नियंत्रण करना घर परिवार और विधि व्यवस्था पर भी जरूरी है. इस स्थिति के कुपरिणाम भी हैं. कई जगह युवा पीढ़ी नशे के जाल में फंस रही है.”
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा, “जम्मू-कश्मीर के चुनाव भी शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गए. इसका ही परिणाम हम देखते हैं कि सारी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है. हमारा योग सारी दुनिया में एक फैशन बनता जा राह है. उसके शास्त्र और परिणाम को भी दुनिया स्वीकार कर रही है.”
भागवत ने कहा, “इजरायल के साथ हमास के साथ युद्ध में कौन-कौन झुलसेगा और इससे कौन से संकट पैदा होंगे, इसकी चिंता सबको है. अपना देश आगे बढ़ रहा है. हम तकनीक के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे सब क्षेत्रों में भारत आगे बढ़ रहा है. समाज की समझदारी भी बढ़ रही है.”
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एसएचके