भारत के पहले संयुक्त डिग्री कार्यक्रम के लिए मोहन बाबू विश्वविद्यालय ने क्यूएस-टॉप 100 पेन स्टेट के साथ साझेदारी की

तिरुपति, 16 मई . मोहन बाबू विश्वविद्यालय (एमबीयू) ने अमेरिका के पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (पेन स्टेट) के साथ मिलकर भारतीय छात्रों के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया. इस साझेदारी के तहत भारत में पहली बार क्यूएस टॉप 100 रैंक वाली वैश्विक यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त डिग्री प्रोग्राम शुरू किया गया है, जो उच्च शिक्षा के अवसरों को नया रूप देगा.

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में 89वें रैंकिंग वाली पेन स्टेट दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित सार्वजनिक रिसर्च यूनिवर्सिटी में से एक है. इस साझेदारी से भारतीय छात्रों को वैश्विक अनुभव और आधी लागत में उच्च रैंक वाली अमेरिकी डिग्री मिलेगी, साथ ही विश्व-स्तरीय शिक्षा, शोध और करियर के अवसर भी प्राप्त होंगे.

मोहन बाबू विश्वविद्यालय और पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (पेन स्टेट) के बीच समझौता ज्ञापन तिरुपति में एमबीयू कैंपस में हस्ताक्षरित हुआ. इस दौरान एमबीयू के चांसलर डॉ. एम मोहन बाबू, प्रो-चांसलर विष्णु मांचू और कार्यकारी निदेशक विनय माहेश्वरी मौजूद थे. पेन स्टेट की ओर से चांसलर डॉ. डेविड एम कैलेजो पेरेज और अंतरिम वाइस चांसलर डॉ. वाहिद मोटेवल्ली उपस्थित रहे. यह साझेदारी भारतीय छात्रों को एकीकृत अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक यात्रा शुरू करने का अवसर देगी.

एमबीयू के प्रो-चांसलर विष्णु मांचू ने कहा, “यह साझेदारी हमारे छात्रों को कम लागत में उत्कृष्ट वैश्विक शिक्षा प्रदान करके सशक्त बनाती है. यह तिरुपति में अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक प्रथाओं को बेहतर बनाती है और भारतीय छात्रों के लिए जीवन बदलने वाले करियर के अवसर खोलती है.”

पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. डेविड एम कैलेजो पेरेज ने कहा, “हमें मोहन बाबू विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी करने पर गर्व है, जो शैक्षिक नवाचार और समावेशी उत्कृष्टता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को साझा करता है. यह संयुक्त डिग्री सिर्फ एक साझेदारी नहीं, बल्कि वैश्विक जागरूकता और पेशेवर स्नातक तैयार करने का एक साझा मिशन है.”

स्नातक स्तर की 2+2 संरचना के अंतर्गत, छात्र अपने पहले दो वर्ष एमबीयू में तथा शेष दो वर्ष पेन स्टेट में पूरा करेंगे, तथा पेन स्टेट और एमबीयू दोनों से संयुक्त डिग्री प्राप्त करेंगे.

2+2 स्नातक कार्यक्रम के तहत, छात्र पहले दो साल मोहन बाबू विश्वविद्यालय (एमबीयू) में और अगले दो साल पेनसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी (पेन स्टेट) में पढ़ेंगे, जिसके बाद उन्हें दोनों विश्वविद्यालयों से संयुक्त डिग्री मिलेगी.

स्नातकोत्तर (पोस्टग्रेजुएट) छात्रों के लिए यह साझेदारी दो विकल्प देती है, 4+1 प्रोग्राम (चार साल एमबीयू में और एक साल पेन स्टेट में) और 1+1 प्रोग्राम (एक साल दोनों विश्वविद्यालयों में).

यह साझेदारी भारतीय छात्रों को विश्वस्तरीय संकाय, उन्नत अनुसंधान अवसंरचना और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मानक पाठ्यक्रम तक पहुंच प्रदान करती है.

शिक्षा के अलावा, छात्रों को विविध शिक्षण वातावरण और वैश्विक उद्योग मानकों का अनुभव मिलेगा, जिससे उनकी भारत व विदेश में नौकरी की संभावनाएं काफी बढ़ेगी.

यह प्रोग्राम सुलभता और किफायती लागत को ध्यान में रखकर बनाया गया है. छात्रों को विदेश में पूरी अंतरराष्ट्रीय डिग्री लेने की तुलना में लगभग 50 प्रतिशत कम खर्च आएगा.

इसके अलावा, योग्य छात्रों को समर्थन देने के लिए विशेष स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता के अवसर उपलब्ध होंगे. पेन स्टेट में पढ़ाई के दौरान छात्र कैंपस में काम के अवसरों का लाभ उठाकर अपने जीवनयापन के खर्च को कम कर सकते हैं.

मोहन बाबू विश्वविद्यालय और पेन स्टेट के बीच एक सुव्यवस्थित क्रेडिट ट्रांसफर प्रणाली के साथ, यह प्रोग्राम छात्रों के लिए सुचारु बदलाव सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है.

दोनों संस्थान विशेष समन्वयकों के माध्यम से व्यापक शैक्षिक और प्रशासनिक सहायता प्रदान करेंगे, साथ ही वीजा सहायता और निरंतर करियर मार्गदर्शन भी देंगे ताकि छात्र अपनी अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक यात्रा के हर कदम पर आसानी से आगे बढ़ सकें.

एमबीयू के कार्यकारी निदेशक विनय माहेश्वरी ने कहा, “हम मोहन बाबू विश्वविद्यालय में अपने छात्रों के लिए परिवर्तनकारी अवसर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. पेन स्टेट के साथ यह साझेदारी सुनिश्चित करती है कि हमारे छात्रों को वैश्विक शैक्षिक अनुभव, अत्याधुनिक शोध तक पहुंच और अंतरराष्ट्रीय डिग्री मिले, बिना सामान्य वित्तीय बाधाओं के. यह भारत में शिक्षा को फिर से परिभाषित करने के हमारे दृष्टिकोण की दिशा में एक बड़ा कदम है.”

यह साझेदारी मोहन बाबू विश्वविद्यालय के वैश्विक स्तर पर जुड़े शैक्षिक केंद्र बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है. महत्वाकांक्षी भारतीय छात्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय डिग्री को सुलभ बनाकर, विश्वविद्यालय विश्व-स्तरीय शिक्षा को अधिक पहुंच योग्य, समावेशी और भविष्य-केंद्रित बनाने के अपने मिशन को मजबूत करता है.

पीएसके/जीकेटी