मोहाली पुलिस ने सुखबीर सिंह बादल समेत कई अकाली नेताओं को हिरासत में लिया

मोहाली, 2 जुलाई . पंजाब के मोहाली में सुखबीर सिंह बादल समेत अकाली दल के कई बड़े नेताओं को हिरासत में लिया गया है. अकाली दल के नेता मोहाली में बिक्रमजीत सिंह मजीठिया के समर्थन में एकजुट हुए, जिन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाना है. हालांकि, मोहाली कोर्ट से पहले ही पुलिस ने अकाली दल के नेताओं को रोका है, जिनमें से कई बड़े लीडर्स को हिरासत में लिया गया.

पूर्व मंत्री और अकाली दल के नेता बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को पिछले हफ्ते ड्रग्स मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 2 जुलाई को रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को मोहाली कोर्ट में पेश किया जाना है. इसी बीच अकाली दल के नेताओं के मोहाली कूच से हालात तनावपूर्ण हैं. गुरुद्वारा श्री अंब साहिब के बाहर पुलिस ने सुखबीर सिंह बादल को हिरासत में लिया.

एक वीडियो संदेश में सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब सरकार और अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा, “मैं पंजाब की जनता से कहना चाहता हूं कि अरविंद केजरीवाल ने पूरे पंजाब पर कब्जा कर लिया है. वो अकाली दल से डर गए हैं, इसलिए केजरीवाल के आदेश पर पंजाब पुलिस ने गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं-नेताओं को नजरबंद किया है.”

सुखबीर बादल ने आरोप लगाते हुए कहा, “पंजाब की जनता के सारे लोकतांत्रिक अधिकार खत्म कर दिए गए हैं. केजरीवाल यहां सुप्रीम अथॉरिटी बनकर बैठ गए हैं. मैं जनता से अपील करना चाहता हूं कि सभी एकजुट हो जाएं और केजरीवाल से पंजाब को आजाद कराएं.”

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए सुखबीर बादल ने आगे कहा, “केजरीवाल ने पंजाब से डेढ़ साल में 10 हजार करोड़ रुपए इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है. सबसे बड़ा हमला एक नए एक्ट के जरिए हुआ, जिससे 40 हजार एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है. कुछ दिल्ली के ठेकेदारों और बिल्डर्स के साथ सौदा करके पंजाब की जमीन बेचने की कोशिश है.”

उन्होंने कहा कि अकाली दल का एक-एक कार्यकर्ता कुर्बानी देने को तैयार है.

अकाली दल की यूथ इकाई के अध्यक्ष सरबजीत सिंह जिझर ने कहा, “भगवंत मान स्पष्ट रूप से घबराए हुए हैं. वो दावा करते थे कि पंजाब में अकाली खत्म हो चुके हैं. अगर यह सच है तो आज हर जगह पुलिस क्यों खड़ी है? क्यों गाड़ियों को रोककर उनकी तलाशी ली जा रही है, सिर्फ इसलिए कि कहीं कोई नीली पगड़ी या भगवा पोशाक तो नहीं पहने हुए हैं. उन्हें अकाली कार्यकर्ता बताकर हिरासत में क्यों लिया जा रहा है या परेशान किया जा रहा है? अगर अकाली खत्म हो चुके हैं, तो इतना डर ​​क्यों?”

डीसीएच/एबीएम