मोदी का कैलगरी दौरा, जी-7 मंच पर भारत की धमक, कनाडा के साथ नई दोस्ती की उड़ान : उच्चायुक्त चिन्मय नाइक

कैलगरी, 16 जून . भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के कैलगरी में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं. कनाडा के कार्यवाहक भारतीय उच्चायुक्त चिन्मय नाइक ने समाचार एजेंसी से बातचीत में इस यात्रा को भारत-कनाडा संबंधों के लिए महत्वपूर्ण बताया.

उन्होंने बताया कि यह पहला अवसर है जब भारत जी-7 शिखर सम्मेलन में एक आउटरीच देश के रूप में हिस्सा ले रहा है. यह यात्रा न केवल वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाती है, बल्कि कनाडा में बसे भारतीय समुदाय, खासकर हिंदू समुदाय, के बीच उत्साह और सकारात्मकता का संदेश भी देती है.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी को कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने इस शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया है. इस दौरान ऊर्जा सुरक्षा, नवाचार, नई प्रौद्योगिकियों और अन्य समकालीन मुद्दों पर चर्चा होगी, जो वैश्विक और भारतीय संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक हैं. भारत, जो ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर अग्रसर है, इन क्षेत्रों को अपनी प्राथमिकता में शामिल करता है.

नाइक ने बताया कि इस यात्रा से भारत-कनाडा संबंधों को नई गति मिलेगी. कनाडा में बसे भारतीय समुदाय, विशेष रूप से इंडो-कैनेडियन समुदाय, ने इस यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह दिखाया है. सोशल मीडिया पर उनके प्रशंसापत्र और वीडियो इस सकारात्मक ऊर्जा को दर्शाते हैं. यह यात्रा भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी.

नाइक ने कहा कि इस शिखर सम्मेलन के दौरान होने वाली साइडलाइन बैठकों के परिणाम जल्द ही सामने आएंगे, जो दोनों देशों के भविष्य के सहयोग को आकार दे सकते हैं. खास तौर पर, कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के हाल के चुनाव में जीत के बाद पीएम मोदी द्वारा दी गई बधाई और इस यात्रा को लेकर दोनों देशों के बीच सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं.

उनके मुताबिक, कनाडा में भारतीय समुदाय विशेष रूप से हिंदू समुदाय, इस यात्रा को भारत के गौरव और वैश्विक नेतृत्व के प्रतीक के रूप में देख रहा है.

नाइक ने कहा कि पीएम मोदी का कैलगरी आना अपने आप में एक बड़ा संदेश है, जो भारत और कनाडा के बीच संबंधों की गहराई को दर्शाता है. यह यात्रा न केवल जी-7 के वैश्विक एजेंडे को मजबूत करेगी, बल्कि भारत-कनाडा के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा देगी. समुदाय के बीच इस यात्रा को लेकर उत्साह चरम पर है और सभी इसकी सफलता के लिए उत्सुक हैं.

एसएचके/केआर