मोदी कैबिनेट ने 3,300 करोड़ रुपये की सेमीकंडक्टर इकाई को दी मंजूरी

नई दिल्ली, 2 सितंबर . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को गुजरात के साणंद में 3,300 करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के लिए केनेस सेमीकॉन प्राइवेट लिमिटेड के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.

इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) के तहत प्रस्तावित इकाई प्रतिदिन लगभग 60 लाख चिप का उत्पादन करेगी.

इस इकाई में उत्पादित चिप का इस्तेमाल कई प्रकार के उत्पादों में किया जाएगा. इनमें औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, देश में हर उपकरण के लिए ‘मेड इन इंडिया’ चिप विकसित करने का सपना पूरा करने की क्षमता है.

इस साल के अंत तक देश में पहली स्वदेशी चिप आ जाएगी.

मार्च में पीएम मोदी ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी.

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स गुजरात के धोलेरा में एक सेमीकंडक्टर फैब और असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है.

सीजी पावर साणंद में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित कर रही है. इन इकाइयों से लाखों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे.

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के अनुसार, सभी चार सेमीकंडक्टर इकाइयों का निर्माण तेज गति से चल रहा है और इकाइयों के पास एक मजबूत सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र उभर रहा है.

मंत्रालय के अनुसार, “इन चार इकाइयों से लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा. इन इकाइयों की कुल क्षमता प्रतिदिन लगभग सात करोड़ चिप बनाने की होगी.”

देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए कार्यक्रम को 2021 में 76 हजार करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ अधिसूचित किया गया था.

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सेमीकंडक्टर-संबंधित बाजार 2026 में 64 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो 2019 में लगभग तीन गुना हो जाएगा.

केंद्रीय रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में कहा कि अगले पांच वर्षों में देश दुनिया के सबसे बड़े सेमीकंडक्टर केंद्रों में से एक बन जाएगा.

एकेएस/एकेजे