मनरेगा, पीएमएवाई और अन्य योजनाओं का बकाया रिलीज करे केंद्र, झारखंड की मंत्री ने शिवराज सिंह चौहान के समक्ष रखी मांग

रांची, 29 अप्रैल . झारखंड की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री से झारखंड में केंद्र प्रायोजित योजनाओं का बकाया फंड रिलीज करने की मांग की.

मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के फंड, संसाधनों के आवंटन और नीति-संशोधन के मुद्दों पर राज्य सरकार की ओर से केंद्र का ध्यान आकृष्ट कराया गया. प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि मनरेगा के अंतर्गत सामग्री मद में केंद्र सरकार के पास 747 करोड़ रुपए की राशि लंबित है. उन्होंने यह फंड राज्य के स्टेट नोडल अकाउंट में जारी करने की मांग की. यह भी अनुरोध किया गया कि जिन कार्यों से संबंधित बिल के फंड ट्रांसफर ऑर्डर पहले ही मनरेगा पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं, उनके भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए.

झारखंड सरकार का पक्ष रखते हुए दीपिका पांडेय ने कहा कि राज्य के लाखों श्रमिकों को समय पर मजदूरी भुगतान सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार इस मद में 150 करोड़ रुपए की लंबित राशि तत्काल उपलब्ध कराए. प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य में मनरेगा प्रशासनिक मद के अंतर्गत कार्यरत लगभग 5,400 से अधिक कर्मियों का वेतन एवं संचालन खर्च तीन माह से लंबित है. इस कारण योजना के संचालन में परेशानी आ रही है.

केंद्रीय मंत्री को राज्य सरकार की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि भारत सरकार ने पूर्व में झारखंड राज्य को 25,000 अतिरिक्त राजमिस्त्रियों को प्रशिक्षित करने की स्वीकृति प्रदान की थी, लेकिन इससे संबंधित राशि अभी तक राज्य को प्राप्त नहीं हुई है. राज्य की मनरेगा मजदूरी दर वर्तमान में 255 रुपए प्रतिदिन है, जो अन्य राज्यों की तुलना में कम है. राज्य सरकार की ओर से आग्रह किया गया कि इसे बढ़ाकर न्यूनतम 405 रुपए प्रतिदिन किया जाए.

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि झारखंड सरकार की अबुआ आवास योजना में प्रति लाभार्थी दो लाख रुपए की राशि स्वीकृत की जाती है, जबकि केंद्र प्रायोजित प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में यह राशि मात्र 1.20 लाख रुपए है. राज्य ने प्रस्ताव दिया कि केंद्र की योजना को भी अबुआ आवास के अनुरूप बनाते हुए प्रति यूनिट दो लाख रुपए की राशि दी जाए.

एसएनसी/एकेजे