भोपाल, 24 मार्च . मध्य प्रदेश सरकार ने विधायकों को घर बनाने और वाहन खरीदने के लिए दिए जाने वाले कर्ज में इजाफा कर दिया है. इस फैसले का राज्य के कैबिनेट मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने स्वागत किया है.
राज्य सरकार ने विधायकों को दिए जाने वाले कर्ज को दो गुना कर दिया है. अब भवन निर्माण के लिए 50 लाख और वाहन के लिए 30 लाख तक का कर्ज ले सकेंगे. पहले मकान के लिए 25 और वाहन के 15 लाख कर्ज लेने का प्रावधान था. यह पहले मिलने वाले कर्ज से दो गुना तक है. इस पर विधायकों को सिर्फ चार प्रतिशत ब्याज देना होगा, जबकि शेष ब्याज सरकार देगी.
सरकार के विधायकों को कर्ज लेने की बढ़ी सीमा पर मंत्री राजपूत का कहना है कि विधायक जनप्रतिनिधि हैं और उनका सारा जीवन जनसेवा करते हुए बीतता है. पार्टी उन्हें मौका देती है और वह विधायक बनता है. उसकी अपनी आवश्यकता होती है, परिवार की भी होती है. क्षेत्र की भी जरूरत होती है. मकान निर्माण के लिए कर्ज बढ़ाया गया है, वर्तमान दौर में जब भी क्षेत्र के लोग उससे मिलने आते हैं, तो उसे जगह की जरूरत होती है, वहीं पार्टी की ओर से कार्यालय बनाने की बात कही जाती है. एक तरफ जहां उसे बड़े आवास की जरूरत होती है, वहीं क्षेत्र में संपर्क करने के लिए वाहन की आवश्यकता होती है. अब नए जमाने की गाड़ियां महंगी हो गई हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जनप्रतिनिधि भी आम आदमी हैं, इसलिए विशेष नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. उनकी भी जरूरतें हैं. वह भी आम आदमी की तरह जीवन बिताना चाहता है. सरकार का यह फैसला अच्छा कदम है. सरकार के इस फैसले से राज्य विधानसभा के 230 विधायकों को लाभ होगा और वे अपनी जरूरत के मुताबिक भवन का निर्माण कर सकेंगे और वाहन भी खरीद सकेंगे. तमाम विधायकों ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.
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एसएनपी/