एडीजीपी के खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में पिनाराई विजयन को करने दें फैसला : विधायक पीवी अनवर

तिरुवनंतपुरम, 3 सितम्बर . माकपा समर्थित निर्दलीय विधायक पीवी अनवर ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) कानून और व्यवस्था के प्रभारी एमआर अजित कुमार के खिलाफ लगाए गए आरोपों के संबंध में फैसला करने दें.

अनवर ने कहा, “एक साथी के तौर पर मैंने अपना काम किया, मुख्यमंत्री से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया. अब मुख्यमंत्री को एडीजीपी के भाग्य का फैसला करने दीजिए. मैं सीपीआई-एम के राज्य सचिव एमवी गोविंदन से भी मिलूंगा और उन्हें भ्रष्टाचार के बारे में बताऊंगा.”

इससे पहले, पीवी अनवर ने एडीजीपी की तुलना एक कुख्यात अपराधी से की थी, जिसने खुद को भगोड़े डॉन दाऊद इब्राहिम की तरह “मॉडल” बनाया है.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि एडीजीपी ने कई अवैध और संदिग्ध सौदों में मिलीभगत की है.

नीलांबुर विधायक ने यह भी कहा कि अजित कुमार की पत्नी भी उनके लेन-देन में शामिल थीं. उन्होंने कहा कि उनके पास पुलिस अधिकारियों की कई फोन रिकॉर्डिंग हैं.

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद अनवर ने मीडियाकर्मियों से कहा, “मैं यह नहीं कह सकता कि उन्हें पद से हटाया जाएगा या नहीं. मैंने आम तौर पर कहा है कि पुलिस का एक वर्ग अपना कर्तव्य ठीक से नहीं निभा रहा है. हमारे पास एक कम्युनिस्ट सरकार है जो लोगों की नब्ज पहचानती है.”

उन्होंने कहा कि जब लोग उम्मीद कर रहे थे कि एडीजीपी को उनके पद से हटा दिया जाएगा, तभी जांच की घोषणा कर दी गई.

सोमवार को मुख्यमंत्री विजयन ने घोषणा की कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच की जाएगी.

इस बीच, कांग्रेस और भाजपा दोनों ने केरल सरकार पर “लुका-छिपी” खेलने का आरोप लगाया है.

केरल के विपक्ष के नेता (एलओपी) सतीशन ने कहा, “विजयन कोई भी कार्रवाई करने से डर रहे हैं क्योंकि उन्हें पता है कि अगर उन्होंने पुलिस वाले को छुआ तो उन्हें भी जांच का सामना करना पड़ेगा. हम पुलिस अधिकारियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सीबीआई जांच की मांग करते हैं. हम कानूनी कार्रवाई की भी मांग करेंगे.”

प्रदेश भाजपा प्रमुख के. सुरेन्द्रन ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में अजीब चीजें हो रही हैं.

सुरेन्द्रन ने कहा, “एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी उनके कार्यालय में सोने की तस्करी के मामले में जेल में था. अब दूसरे अधिकारी पर उंगलियां उठ रही हैं. सत्तारूढ़ विधायक द्वारा लगाए गए आरोपों की केंद्रीय एजेंसियों द्वारा गहन जांच होनी चाहिए.”

एकेएस/जीकेटी