लखनऊ, 16 दिसंबर . उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को विधानमंडल परिसर में चौधरी चरण सिंह की मूर्ति के पास धरने पर बैठीं समाजवादी पार्टी की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने अपना धरना समाप्त कर दिया है. यूपी सरकार में संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने उनका धरना खत्म कराया.
विधायक पल्लवी पटेल ने धरना खत्म होने के बाद कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के एक विभाग में घोटाला हुआ है. हम चाहते थे कि इस घोटाले को लेकर सदन में चर्चा हो और सरकार इस पर जवाब दे, लेकिन आप सभी ने देखा कि सरकार ने मुझे सदन में बोलने तक नहीं दिया. मैं एक निर्वाचित सदस्यों हूं और पिछड़े समाज से आती हूं. मुझे सदन से बाहर तक जाने तक को कहा गया, जो असंवैधानिक है.
उन्होंने कहा, “भाजपा की सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त है और हर विभाग में भरपूर घूसखोरी हो रही है. नियमावली और नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और यह कहना गलत नहीं होगा कि भाजपा के भ्रष्टाचार के दलदल में कमल खिला हुआ है. मैंने विभाग में हुए घोटाले को उठाया और मैं चाहती हूं कि उत्तर प्रदेश की जनता तक यह मामला पहुंचे, मगर भाजपा नहीं चाहती कि उसका चाल, चरित्र और भ्रष्टाचार का उत्तर प्रदेश की जनता के सामने खुलासा हो.”
विधायक पल्लवी पटेल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के फैसले के बाद नियमावली बनाई है, इसमें किसी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है. मंत्री कह रहे हैं कि हमने कमेटी गठित की है और उसने अनुमोदन किया है, जब नियमावली में किसी प्रकार का बदलाव संभव नहीं है, तो कमेटी कहां से आ गई. यह बात बहुत अच्छी है कि लखनऊ में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश निवास करते हैं. मेरी उनसे यही प्रार्थना है कि वह स्वयं इस पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें.
इससे पहले पल्लवी पटेल ने सरकार पर “जनहित के मुद्दों पर ध्यान देने की बजाय अपने निजी हितों को साधने” का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का बोलबाला है और जनता के पैसे का दुरुपयोग हो रहा है.
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