भुवनेश्वर,14 मई . ओडिशा सरकार ने निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में शिक्षकों के तबादलों की सिफारिश करने के लिए अधिकृत किया है. इस पर ओडिशा के स्कूल और जन शिक्षा मंत्री नित्यानंद गोंड ने कहा विधायक, सांसद लोक प्रतिनिधि हैं. विधायक और सांसदों को अपने क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने की जिम्मेदारी होती है.
समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान मंत्री नित्यानंद गोंड ने कहा कि शिक्षक अपनी समस्या के लिए विधायक,सांसदों के पास जाते हैं. ऐसे में जनप्रतिनिधियों का उत्तरदायित्व होता है कि उनकी समस्या का समाधान करे. इसके लिए विधायक और सांसदों के अधिकार को बढ़ाने की जरूरत थी.
मंत्री नित्यानंद गोंड ने देशभर में चल रहे 10 दिवसीय तिरंगा यात्रा पर कहा कि यह यात्रा एकता और गौरव का प्रतीक है. यह हमारे बहादुर सैनिकों के बलिदान को दर्शाता है, जिन्होंने सिंदूर जैसे ऑपरेशन के दौरान कड़ा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभक्ति की इस भावना को प्रेरित किया है. प्रत्येक नागरिक को हमारे बलों के साहस और योगदान को याद करते हुए उत्साह के साथ भाग लेना चाहिए. इस तरह की पहल से हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल बढ़ता है और राष्ट्रीय एकता मजबूत होती है.
गौरतलब है कि अधिसूचना में कहा गया है, सरकार ने सावधानी पूर्वक विचार करने के बाद माननीय सांसदों/विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्र से संबंधित शिक्षकों (जिसमें प्राथमिक और माध्यमिक दोनों शामिल होंगे) के स्थानांतरण के पंद्रह (15) सबसे योग्य मामलों की सिफारिश जिले के संबंधित कलेक्टर को करने का विवेकाधिकार दिया है, ताकि इस स्थानांतरण सत्र के दौरान जिला स्तरीय स्थानांतरण समिति (डीएलटीसी) द्वारा उनका निपटान किया जा सके.”
इसी तरह की एक अधिसूचना 2021 में पिछली बीजद नीत सरकार द्वारा जारी की गई थी, जिसके तहत निर्वाचित प्रतिनिधियों को 2021-2022 शैक्षणिक सत्र के दौरान अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम 10 प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों के स्थानांतरण की सिफारिश करने की अनुमति दी गई थी.
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एएसएच/जीकेटी