विधायक और सांसद का अपना प्रोटोकॉल, सर शब्द सामंतवाद की निशानी : मनोज यादव

लखनऊ, 28 सितंबर . योगी सरकार के मंत्री दिनेश प्रताप सिंह अपने आदेश को लेकर सुर्खियों में है. उन्होंने आदेश दिया कि जिला संगठन के पदाधिकारियों का मोबाइल नंबर डीएम, एसपी, एसडीएम के पास सेव होगा. अगर भाजपा का कोई पदाधिकारी या जनप्रतिनिधि फोन करेगा, तो अधिकारी को जी सर कहकर संबोधित करना पड़ेगा.

मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के इस आदेश को लेकर यूपी की सियासत गरमा गई है. सपा प्रवक्ता मनोज यादव ने कहा कि, निश्चित तौर पर विधायक और सांसद का अपना प्रोटोकॉल होता है. मेरे ख्याल से माननीय शब्द उनके लिए बना है और जी शब्द तो सभी के सम्मान में लगाते हैं. मुझे नहीं लगता है कि सर शब्द का कोई इस्तेमाल संविधान में कहीं पर किया गया है. ये सामंतवाद की निशानी है. मेरी नजर में सबका सम्मान है. लेकिन जिस तरीके से भाजपा के नेता आजकल अधिकारियों को गाली देने पर लगे हुए हैं, गाली देकर उनको धमकी देने पर लगे हैं, ये दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके लिए क्या भाजपा ने कोई नया संविधान रचित किया है, जो इस तरह की बातें लगातार सुनने और देखने को मिल रही हैं? मैं इतना कहूंगा सम्मान सबका करना चाहिए. अपमान किसी का नहीं होना चाहिए.

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ के पीओके वाले बयान पर उन्होंने कहा कि, इस तरह की बातें पाकिस्तान के द्वारा लगातार की जाती हैं. वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को हमेशा दबाव में रखने का प्रयास करता है. वह यह दिखाने की कोशिश करता है कि भारत की तरफ से उस पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन हकीकत यह नहीं है.

उन्होंने कहा कि, हकीकत यह है कि पीओके में सबसे ज़्यादा अगर कोई अत्याचार कर रहा है, तो वो पाकिस्तान कर रहा है. वहां पर अगर अत्याचार जारी रहा, तो निश्चय ही कल वहां के लोग ये कहने में पीछे नहीं रहेंगे कि हमें अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं रहना है. शायद इस दबाव के कारण इस तरह की बात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कही जा रही, लेकिन भारत की तरफ से ऐसा कुछ नहीं है. अनुच्‍छेद 370 हमारा आंतरिक मामला है, हम पाकिस्तान के हस्तक्षेप का विरोध करते हैं.

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि, वह दिल्ली और लखनऊ के चंगुल में फंसे हैं. आप अपनी लड़ाई लड़िए, क्योंकि आपकी लड़ाई बड़ी है. ये लड़ाई आपके कुर्सी, आपके सम्मान और समाज की हकदारी की है. आपके घर के सामने शिक्षक भर्ती के 19 हजार अभ्यर्थी गए थे, वे सिलेक्ट हो चुके हैं, लेक‍िन उनको नौकरी नहीं म‍िली, उनका क्या किया.

आप योगी आदित्यनाथ से एक शब्द नहीं कह सकते. आपका समाज भी जान चुका है कि आपका सम्मान भाजपा ने में नहीं है, इसलिए आप बार-बार सपा पर निशाना साधते है. इसके लिए आप राजनीति में नहीं हैं. राजनीति में इसलिए हैं कि मौर्य समाज, कुशवाहा समाज, सैनी समाज के लोगों को सम्मान और उनका हक अधिकार दिलाइए, तब समाज आपकी सुनेगा, नहीं तो 2027 में सपा के चुनावी जमीन तैयार है.

एकेएस/