आइजोल, 29 जून . पूर्वोत्तर के राज्य मिजोरम को रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली बैराबी- सैरांग रेलवे लाइन बनकर तैयार हो चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही इस नई रेल लाइन का उद्घाटन करेंगे.
बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन प्रोजेक्ट के चीफ इंजीनियर विनोद कुमार ने समाचार एजेंसी को बताया, “यह भारतीय रेलवे के कठिन प्रोजेक्ट में से एक है, इसके हर पॉइंट में अपना एक चैलेंज है. यहां पर वर्किंग सीजन काफी कम रहता है. अधिक वर्षा होने के कारण एक साल में सिर्फ चार महीने ही काम होता है. इस नए नेटवर्क के कारण आसानी से राजधानी आइजोल पहुंचा जा सकता है. साथ ही टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा. 51.38 किलोमीटर लंबी बैराबी-सैंराग रेलवे लाइन के तहत चार नए स्टेशन बनाए गए हैं, जिसमें मिजोरम का हॉर्टोकी, कौनपुई, मुलखांग और सैंरान रेलवे स्टेशन शामिल है.”
उन्होंने बताया, “यह रेलवे लाइन सिलचर को सीधा मिजोरम की राजधानी आइजोल से जोड़ रही है. मिजोरम में पहले केवल बैराबी शहर तक ही रेलवे ट्रैक था, जहां से आगे जाने के लिए सड़क के जरिए जाना पड़ता था. इसमें न केवल समय अधिक लगता था बल्कि मौसम खराब होने पर भूस्खलन जैसी समस्या आ जाती थी, जिससे रास्ते बंद हो जाते थे. वहीं, अब इस नए रेलवे ट्रैक के बनने से असम, गुवाहाटी जैसे राज्यों की कनेक्टिविटी सीधे मिजोरम की राजधानी आइजोल से हो गई है.”
आइजोल की एक कनेक्टिविटी सिलचर से होती है, वहीं दूसरी गुवाहाटी से होती है. सिलचर से आइजोल पहुंचे में आज कम से कम आठ घंटे का समय लगता है, लेकिन इस रेलवे प्रोजेक्ट के कारण यह समय घटकर तीन घंटे का रह जाएगा. वहीं, गुवाहाटी तक रोड से जाने में करीब 14 से 18 घंटे का समय लगता है, जो ट्रेन से 12 घंटे में पूरा होगा.
उल्लेखनीय है कि बैराबी-सैरांग रेलवे लाइन प्रोजेक्ट की आधारशिला पीएम मोदी ने 29 नवंबर 2014 को रखी थी और इस प्रोजेक्ट को पूरा होने में करीब 11 साल का वक्त लगा. लगभग 5,021.45 करोड़ रुपए की लागत से बनकर अब यह तैयार हुआ है. कुल 51 किलोमीटर लंबे इस रेलवे ट्रैक में 48 टनल है, जिसकी लंबाई 12,853 मीटर है. वहीं, कुल 142 लोहे के ब्रिज बनाए गए हैं जिसके ऊपर से ट्रेन होकर गुजरेगी.
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एससीएच/एकेजे