बड़े पर्दे पर छोटे किरदार निभाकर वाहवाही लूट ले जाते थे मिथिलेश चतुर्वेदी, ‘कोई मिल गया’ ने दिलाई थी पहचान

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर . वेब-सीरीज ‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी’ हो या फिर बॉलीवुड फिल्म ‘कोई मिल गया’, ‘सत्या’, ‘गदर: एक प्रेम कथा’, ‘मोहल्ला अस्सी’ और ‘कृष’. जितना दर्शकों ने इन फिल्मों को सराहा, उतना ही प्यार मिला इनके किरदारों को. इन सब फिल्मों में एक कॉमन बात है, वो है मिथिलेश चतुर्वेदी. भले ही उन्होंने बड़े पर्दे पर छोटे किरदार निभाएं हो, लेकिन उनकी अदाकारी ऐसी थी कि वह इन छोटे किरदारों में भी जान डाल देते थे. आइए जानते हैं, उनसे जुड़े कुछ अनसुने पहलुओं के बारे में.

दरअसल, मिथिलेश चतुर्वेदी का जन्म 11 अक्टूबर 1954 को यूपी की राजधानी लखनऊ में हुआ था. उन्होंने लखनऊ से अपनी शुरुआती शिक्षा हासिल की और इसके बाद उन्होंने थिएटर का रूख कर लिया. कई वर्षों तक थिएटर में काम करने के बाद उन्होंने टीवी सीरियल और फिल्मों की ओर रूख किया. बहुत कम लोग ही इस बात को जानते हैं कि उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर एक्टिंग के क्षेत्र में कदम रखा था.

मिथिलेश चतुर्वेदी ने 90 के दशक में आए टीवी शो ‘नीली छतरी वाले’ में अपनी अदाकारी से लोगों का दिल जीता. इसके बाद साल 1997 में आई फिल्म ‘भाई-भाई’ से उनकी बॉलीवुड में एंट्री हुई. अगले ही साल यानी 1998 में वे राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ में दिखाई दिए. हालांकि, उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में पहचान मिली राकेश रोशन की फिल्म ‘कोई… मिल गया’ से.

बाद में उन्होंने ‘बंटी और बबली’, ‘कृष’, ‘हल्ला बोल’, ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’, ‘रेडी’, ‘फटा पोस्टर निकला हीरो’, ‘मोहल्ला अस्सी’, ‘ताल’, ‘फिजा’, ‘अशोका द ग्रेट’, ‘रोड’, ‘गांधी माय फादर’, ‘माय फ्रेंड’, ‘अर्जुन पटियाला’ और वेब-सीरीज ‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी’ में अलग-अलग किरदार निभाकर जमकर सुर्खियां बटोरीं.

मिथिलेश चतुर्वेदी के अन्य प्रोजेक्ट भी थे, लेकिन वे इनकी शूटिंग पूरी नहीं कर पाए और साल 2022 में उनका 3 अगस्त को लखनऊ में निधन हो गया. मिथिलेश के परिवार की बात करें तो उनके तीन बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां और एक बेटा है.

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