जामिया मिलिया इस्लामिया में 13 देशों के राजदूत, मिशन हेड्स और डिप्लोमेट्स जुटे

नई दिल्ली, 24 जनवरी . जामिया मिलिया इस्लामिया के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विदेशी छात्रों ने दिलचस्पी दिखाई है. इसे देखते हुए जामिया ने भी विदेशी छात्रों का एक विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया. विदेशी छात्रों के इस ओरिएंटेशन में 13 देशों के राजदूत, मिशन हेड्स और डिप्लोमेट्स भी शामिल हुए.

31 देशों के विदेशी छात्र वर्तमान में जामिया के विभिन्न स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों में एनरोल्ड हैं. जामिया में आए राजदूतों ने भारत को एक महान राष्ट्र के रूप में सराहा, जिसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संस्कृति और शिक्षा में जबरदस्त प्रगति दिखाई है. भारत, छात्रों के बढ़ने और सीखने के लिए एक आदर्श स्थान है.

जामिया के कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ ने विदेशी छात्रों के लिए ‘स्टडी जामिया फॉरेन स्टूडेंट्स इनफार्मेशन ब्रोशर’ जारी किया है. जॉर्डन के हैशेमाइट किंगडम के राजदूत, मिस्र के राजदूत, वेनेजुएला की राजदूत, सोमालिया के राजदूत, अर्जेंटीना के मिशन डिप्टी चीफ, गाम्बिया के उप उच्चायुक्त, इराकी दूतावास के सांस्कृतिक अताशे, ईरान इस्लामी गणराज्य दूतावास के विज्ञान एवं शिक्षा सचिव, नेपाली दूतावास के सांस्कृतिक परामर्शदाता और फिलिस्तीन दूतावास के अधिकारी ओरिएंटेशन कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान जामिया में पहले से ही पढ़ रहे विदेशी छात्र भी मौजूद रहे.

राजदूतों और राजनयिकों ने जामिया विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों को अपना पूर्ण समर्थन और सहयोग देने का आश्वासन दिया. उन्होंने विदेशी छात्रों को याद दिलाया कि वे न केवल अपने-अपने देशों और संस्कृतियों के सबसे अच्छे राजदूत हैं, बल्कि जिम्मेदार और सक्षम वैश्विक नागरिक बनने की जिम्मेदारी भी उनके कंधों पर है, जो मानवता को शांति, समृद्धि, भाईचारे, समानता और दुनिया के सभी लोगों के लिए खुशहाल युग में ले जाएंगे.

जामिया के कुलपति प्रोफेसर मज़हर आसिफ ने कहा कि भारत अविश्वसनीय विविधताओं वाला देश है, जो इसकी भाषाओं, संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, खानपान की आदतों और जीवंत परंपराओं में भली-भांति परिलक्षित होता है. जामिया एक ऐतिहासिक संस्थान है, जिसमें राष्ट्रवाद की बेजोड़ विरासत और उच्चतम गुणवत्ता वाली शिक्षा के माध्यम से समाज और दुनिया की सेवा करने की प्रतिबद्धता है. जामिया की 50 से अधिक देशों के साथ चल रही शोध परियोजनाएं और सहयोग हैं और वे विदेशी सहयोग और आदान-प्रदान बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि विश्वविद्यालय अकादमिक ज्ञान, शिक्षा शास्त्र और तकनीकी नवाचार में नवीनतम प्रगति से लाभान्वित हो सके.

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