मुंबई के जेजे अस्पताल में चमत्कारी सर्जरी, मरीज की आंख से 13 सेमी का बाहरी पदार्थ निकाला

मुंबई, 24 मई . मुंबई के जेजे अस्पताल ने चिकित्सा के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है. 25 वर्षीय मरीज की दाहिनी आंख में लगी गंभीर चोट के बाद उसमें फंसे 13 सेमी लंबे बाहरी पदार्थ को सफलतापूर्वक निकाल लिया गया. इस जटिल सर्जरी को अस्पताल की विशेषज्ञ टीम ने अत्यंत सावधानी और कौशल से अंजाम दिया.

मरीज को दुर्घटना के बाद तुरंत जेजे अस्पताल के आपातकालीन विभाग में लाया गया था. उसकी आंख में 13 सेमी लंबा, 2 सेमी चौड़ा और 0.5 सेमी मोटा बाहरी पदार्थ फंसा था, जो स्थिति को बेहद जोखिम भरा बना रहा था. अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने तुरंत उपचार शुरू कर मरीज की हालत को स्थिर किया.

इसके बाद, नेत्र रोग विशेषज्ञों, ईएनटी सर्जनों और प्लास्टिक सर्जनों की एक संयुक्त टीम ने मरीज की जांच की और सर्जरी का फैसला लिया. इस जटिल ऑपरेशन में एंडोस्कोपिक तकनीक का उपयोग किया गया, जिसमें नाक के रास्ते बाहरी पदार्थ को हटाने के साथ-साथ ऑर्बिटल डीकंप्रेसन (आंख के आसपास दबाव कम करना) शामिल था. सर्जरी को अत्यंत सटीकता के साथ किया गया ताकि मरीज की आंख और आसपास के हिस्सों को कोई नुकसान न पहुंचे.

सर्जरी का नेतृत्व ईएनटी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. श्रीनिवास श्रीपतराव चव्हाण ने किया. उनके साथ सहायक प्रोफेसर डॉ. सुनीता बागे, डॉ. ऐश्वर्या और डॉ. रजत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एनेस्थीसिया टीम में शामिल डॉ. सुकृति उत्तम आत्रम और डॉ. अनंतकृष्णन ए. ने मरीज की सुरक्षा और दर्द से आराम का पूरा ध्यान रखा. इसके अलावा, नेत्र विज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. सुजाता चन्हंडे और डॉ. पूर्वा की स्टैंडबाय टीम भी किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार थी. नर्सिंग स्टाफ, विशेष रूप से प्रेरणा वारेंडेकर ने सर्जरी में महत्वपूर्ण सहयोग दिया.

जेजे अस्पताल के डीन डॉ. अजय भंडारवार और मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. संजय सुरासे ने इस सफल सर्जरी की सराहना की है. उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन जेजे अस्पताल की उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं और टीमवर्क का बेहतरीन उदाहरण है. 180 साल से अधिक पुरानी विरासत के साथ, जेजे अस्पताल लगातार जटिल मामलों में भी बेहतर परिणाम दे रहा है.

इस सर्जरी ने न केवल मरीज की जान बचाई, बल्कि उसकी आंख को भी सुरक्षित रखा.

एसएचके/एकेजे