नई दिल्ली, 31 अगस्त . केंद्र सरकार के रेलवे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और आवास एवं शहरी कार्य जैसे अहम मंत्रालयों के प्रतिनिधियों को जेपीसी ने वक्फ (संशोधन) विधेयक- 2024 पर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है.
वक्फ ( संशोधन) विधेयक 2024 पर सभी हितधारकों से विचार-विमर्श कर संसद को रिपोर्ट देने के लिए गठित किए गए जेपीसी की तीसरी बैठक पांच सितंबर और चौथी बैठक छह सितंबर को बुलाई गई है.
पांच सितंबर को होने वाली जेपीसी की तीसरी बैठक में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, रेल मंत्रालय और आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के प्रतिनिधियों को मौखिक साक्ष्य देने के लिए बुलाया गया है. इन तीनों मंत्रालयों के प्रतिनिधि बैठक में ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024’ के प्रावधानों पर अपना-अपना पक्ष रखेंगे.
जेपीसी की चौथी बैठक छह सितंबर को होगी, इस दिन संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारी वक्फ विधेयक पर अपना स्टैंड रखेंगे.
जेपीसी ने छह सितंबर को ही जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया और तेलंगाना वक्फ बोर्ड जैसे मुस्लिम संगठनों को भी विधेयक पर अपना विचार,सुझाव और मौखिक साक्ष्य रखने के लिए बुलाया है.
आपको याद दिला दें कि, इससे पहले शुक्रवार, 30 अगस्त को भी कई मुस्लिम संगठनों ने जेपीसी के सामने बिल पर अपना-अपना पक्ष रखा था. शुक्रवार को हुई जेपीसी की बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलमा मुंबई, इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स, दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और राजस्थान मुस्लिम वक्फ के प्रतिनिधियों ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर अपना पक्ष रखा.
शुक्रवार को हुई जेपीसी की दूसरी बैठक में जहां मुस्लिम संगठनों ने बिल को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार देते हुए बिल का विरोध किया था. वहीं ‘वक्फ बाई यूजर ‘और कलेक्टर के अधिकारों सहित बिल के उद्देश्य और अन्य कई प्रावधानों को लेकर भाजपा सांसदों और विपक्षी सांसदों के बीच तीखी बहस भी हुई थी. सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही तरफ के राजनीतिक दलों के स्टैंड को देखते हुए जेपीसी की अगली बैठकों का भी हंगामेदार रहना तय माना जा रहा है.
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एसटीपी/