नई दिल्ली, 8 मार्च . विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के बहाने भारतीय नागरिकों को धोखे से रूस भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है.
विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी सीबीआई द्वारा एजेंटों से जुड़े सात शहरों में 10 से अधिक स्थानों पर छापे मारकर रूस में भारतीयों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने के बाद आई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा, “झूठे बहाने और वादों पर भर्ती करने वाले एजेंटों और बेईमानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है.”
जायसवाल ने बताया कि भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों की जल्द रिहाई के लिए रूसी सरकार के समक्ष दृढ़ता से मामला उठाया है.
सीबीआई ने छापेमारी दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, अंबाला, चंडीगढ़ और मदुरै में की है. कुछ संदिग्धों को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. कथित तौर पर यह सामने आया कि इन कंपनियों द्वारा रूस भेजे गए भारतीयों की संख्या 35 है.
प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने छापे से आपत्तिजनक सबूत एकत्र किए हैं और कई एजेंटों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया गया है.
जायसवाल ने कहा, “हमने एक बार फिर भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे रूसी सेना में सहायक नौकरियों के लिए एजेंटों द्वारा दिए गए प्रस्तावों से प्रभावित न हों. यह जीवन के लिए खतरे और जोखिम से भरा है. हम रूसी सेना में सहायक स्टाफ के रूप में काम कर रहे अपने नागरिकों की शीघ्र रिहाई और घर वापसी के लिए प्रतिबद्ध हैं.”
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एफजेड/एबीएम