आयुष मंत्रालय ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’ में हुआ शामिल

New Delhi, 14 सितंबर . स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किए जा रहे राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान, ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’, में आयुष मंत्रालय भाग ले रहा है. यह अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक आयोजित किया जाएगा.

मंत्रालय, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों, आयुष अनुसंधान संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों और निजी क्षेत्र, संघों, गैर-Governmentी संगठनों और सहकारी समितियों के सहयोग से महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और विभिन्न बीमारियों की जांच के लिए कई कार्यक्रम आयोजित करेगा.

इस 16 दिवसीय अभियान में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी), कैंसर, एनीमिया, तपेदिक और सिकल सेल रोग के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं, पोषण एवं स्वच्छता पर जागरूकता कार्यक्रम और जन स्वास्थ्य के प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए स्वैच्छिक रक्तदान अभियान शामिल होंगे.

इस अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों में एनीमिया, एनसीडी और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन डिजीज (पीसीओडी) के लिए आयुष उपचार पर ध्यान दिया जाएगा.

यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान जीवनशैली संबंधी परामर्श, योग सत्र और ‘प्रकृति परीक्षण’ के लिए समर्पित कियोस्क के माध्यम से महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तीकरण पर केंद्रित होगा. राज्य और केंद्रशासित प्रदेश स्कूलों में जागरूकता शिविर, रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रमों के साथ-साथ social media पर अभियान चलाकर अधिक से अधिक लोगों को इससे जोड़ेंगे.

लोगों को घरेलू उपचार और पोषण किट वितरित किए जाएंगे, जबकि महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए सामान्य औषधीय पौधों और हर्बल चाय के स्वास्थ्य लाभों के बारे में विभिन्न कार्यक्रमों से बताया जाएगा. यह अभियान आयुर्वेद-प्रेरित स्वास्थ्य कार्यक्रमों और योग-आधारित बचाव विधियों के माध्यम से कॉर्पोरेट बर्नआउट का मुकाबला करने पर भी जोर देता है.

स्वयं सहायता समूह पंचायत स्तर पर समुदायों को संगठित करने के लिए जागरूकता रैलियां और शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित करेंगे. यह अभियान गर्भावस्था से लेकर प्रशामक देखभाल तक, महिलाओं के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करेगा.

इसके तहत, एनीमिया मुक्त महिलाएं, स्वस्थ मां, तनाव मुक्त महिलाएं, हर्बल पोषण और हड्डियों के स्वास्थ्य जैसे विषयों पर दैनिक आयुष स्वास्थ्य सुझाव social media पर साझा किए जाएंगे ताकि महिलाओं को अपनी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का प्रभावी ढंग से समाधान करने में मदद मिल सके.

एसके/एबीएम