इंदौर, 18 मई . ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान मीडिया के सामने पाकिस्तान पर भारतीय सेना की सटीक कार्रवाई की जानकारी देने वाली सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह ने आपत्तिजनक बयान दिया था. कांग्रेस के पूर्व सांसद लक्ष्मण सिंह ने मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है.
लक्ष्मण सिंह ने समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा, “विजय शाह का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. वह कर्नल कुरैशी और उनके परिवार को नहीं जानते हैं. वह ऐसे परिवार से संबंध रखती हैं जिन्होंने 1857 की लड़ाई में भाग लिया था. शाह को अपने बयान के लिए कर्नल कुरैशी से माफी मांगनी चाहिए और मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए.”
लक्ष्मण सिंह ने कहा कि विजय शाह के पूर्वज ने भी रानी दुर्गावती के साथ देश के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उन्हें मंत्री पद से लगाव नहीं होना चाहिए. उनके बयान की देशभर में आलोचना हुई. मामले में कोर्ट को दखल देना पड़ा, लेकिन राज्य सरकार उनसे इस्तीफा नहीं ले पा रही है.
जगदीश देवड़ा के बयान पर लक्ष्मण सिंह ने कहा, वह इतने वरिष्ठ नेता हैं, इतने बड़े पद पर हैं, उनको पता होना चाहिए कि देश की सेना का मुखिया राष्ट्रपति होता है, प्रधानमंत्री नहीं. प्रधानमंत्री ने केवल बजट में सपोर्ट दिया है.
पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह जवाबी कार्रवाई की है, मैं उसकी सराहना की है.”
लक्ष्मण सिंह ने पहलगाम आतंकवादी घटना को दुखद बताते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारतीय सेना ने अच्छा जवाब दिया है. हम सेना और राष्ट्रपति के आभारी हैं. सेना राष्ट्रपति के ही अधीन होती है.
भाजपा विधायक नरेंद्र प्रजापति ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र के कहने पर सीजफायर हुआ है. इस पर लक्ष्मण सिंह ने कहा, “उन्हें (नरेंद्र प्रजापति को) अंतर्राष्ट्रीय मामलों की जानकारी नहीं है, बेहतर होगा कि वह चुप रहें और अपनी विधानसभा पर ध्यान दें.”
पूर्व मंत्री उषा ठाकुर द्वारा विजय शाह का बचाव किया गया था. उन्होंने कहा था कि “जुबान फिसल जाती है”. लक्ष्मण सिंह ने कहा, “यह ज़ुबान फिसलने वाली नहीं, बहुत बड़ी बात है.”
विजय शाह ने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश पर विजय शाह पर एफआईआर दर्ज हुई थी. उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर 19 मई को सुनवाई होनी है.
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पीएके/एकेजे