नई दिल्ली, 3 अक्टूबर . आम आदमी पार्टी (आप) का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने गुरुवार देर शाम दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज और आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों को हिरासत में ले लिया. ये सब नौकरी से निकाले गए ‘बस मार्शल्स’ की मांगें मनवाने व एलजी साहब से उनकी बहाली के लिए बात करने के लिए सड़क पर बैठे थे.
आम आदमी पार्टी के मुताबिक एलजी के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने पहले उस सड़क की सारी लाइट बंद कर दी, जहां ये लोग बैठे थे. इसके बाद पुलिसकर्मी बस मार्शलों, विधायकों और मंत्री सौरभ भारद्वाज को जबरदस्ती घसीटते हुए ले गए. सौरभ भारद्वाज के साथ तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह और मुस्तफाबाद से विधायक हाजी यूनुस को बुराड़ी थाने ले जाया गया.
आम आदमी पार्टी का कहना है कि वे इन सब गरीब बस मार्शलों को बहाल करके ही चैन लेंगे. भारद्वाज ने कहा कि 26 सितंबर को दिल्ली विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा और आम आदमी पार्टी के विधायकों ने मिलकर एक संकल्प पास किया था, इसमें यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली में बस मार्शलों को फिर से बहाल किया जाएगा. इसमें यह भी तय हुआ कि 3 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी और भाजपा के विधायक उपराज्यपाल विनय सक्सेना के निवास पर जाएंगे. दिल्ली सरकार के सभी मंत्री भी उनके निवास पर जाएंगे और एलजी से आग्रह करेंगे कि कोई भी कागज या फाइल, जिस पर दिल्ली के मंत्री या मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर आवश्यक हों, उसे आप हमसे साइन करवा लें. हम किसी भी कागज या फाइल पर हस्ताक्षर करने के लिए वचनबद्ध हैं, ताकि दिल्ली के बस मार्शल फिर से बहाल हो सकें.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि गुरुवार को हम दोपहर से ही यहां बैठे हुए थे. आम आदमी पार्टी के कई विधायक और दिल्ली सरकार के मंत्री यहां आए, दोपहर से अब रात हो गई. पुलिस ने यहां की सारी लाइटें बंद कर दी. पास के अस्पताल में बस मार्शल पानी पी रहे थे, वहां का पानी बंद करा दिया. मार्शलों ने भाजपा के हर विधायक और सांसद से यह वचन लिया था कि वे हमारे साथ एलजी से मुलाकात करेंगे. यहां कई बस मार्शलों ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को फोन किया. उन्होंने कहा कि वह सतबरी में हैं और इसके 10 मिनट बाद उन्होंने एक वीडियो जारी किया. इसका मतलब वो सतबरी में नहीं, बल्कि अपने दफ्तर में थे.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि आज पूरी दिल्ली को पता चल गया है कि किस तरह संविदा के कर्मचारी निकाले गए. फिर चाहे वह अस्पतालों व डिस्पेंसरी के अंदर स्वीपर या चौकीदार हों, ओपीडी में कार्ड बनाने वाले डाटा एंट्री ऑपरेटर हों या दिल्ली विधानसभा के अंदर काम करने वाले डीएआरसी के फेलो निकाले गए हों. भाजपा और उनके लोगों ने मिलकर इन सभी गरीबों को बेरोज़गार करने का काम किया है और यह बहुत शर्म की बात है.
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जीसीबी/