पटना, 5 फरवरी . बिहार के श्रम संसाधन मंत्री संतोष सिंह ने बुधवार को एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी की लोकसभा में वक्फ विधेयक को लेकर की गई टिप्पणी की कड़ी आलोचना की.
ओवैसी ने चेतावनी दी थी कि अगर वक्फ विधेयक को उसके मौजूदा स्वरूप में पारित किया जाता है, तो इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा हो सकती है.
ओवैसी ने कहा था कि मैं इस सरकार को सावधान और आगाह कर रहा हूं. अगर नरेंद्र मोदी सरकार मौजूदा स्वरूप में वक्फ कानून लाती है और बनाती है, तो अनुच्छेद 25, 26 और 14 का उल्लंघन होगा और इससे देश में सामाजिक अस्थिरता पैदा होगी. इसे पूरे मुस्लिम समुदाय ने खारिज कर दिया है. इससे कोई भी वक्फ संपत्ति नहीं बचेगी.
संतोष सिंह ने ओवैसी पर विभाजन को बढ़ावा देने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा कि भारत एक लोकतंत्र है, न कि एक धर्मतंत्र. उन्होंने कहा कि कुछ देश शरिया कानून से चलने का दावा करते हैं, लेकिन भारत लोकतंत्र पर चलता है – एक ऐसा लोकतंत्र जिसे बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर ने बनाया है.
उन्होंने तर्क दिया कि अंबेडकर का लोकतंत्र का दृष्टिकोण न्याय और निष्पक्षता का समर्थन करता है.
उन्होंने कहा कि अगर किसी ने अनुचित तरीके से किसी चीज पर कब्जा किया है और किसी दूसरे व्यक्ति की आत्मा को ठेस पहुंचाई है, तो उस जगह को सम्मान के साथ वापस किया जाना चाहिए. यह बाबा साहब डॉ. भीम राव अंबेडकर की सोच थी और यही मोदी सरकार की भी सोच है.
सिंह ने आरोप लगाया कि एआईएमआईएम नेता भारत में पाकिस्तान जैसी विचारधारा को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ओवैसी चाहते हैं कि भारत पाकिस्तान जैसा बन जाए, लेकिन जब तक नरेंद्र मोदी यहां हैं, ऐसा कभी नहीं होगा.
असदुद्दीन ओवैसी की वक्फ विधेयक पर टिप्पणी भारत में धार्मिक संपत्तियों और भूमि विवादों पर बढ़ती बहस के बीच आई है.
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पीएसके/