चित्तौड़गढ़, 29 जुलाई . राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने Tuesday को चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार स्थित मेवाड़ यूनिवर्सिटी का अचानक दौरा किया. यूनिवर्सिटी में एग्रीकल्चर डिप्लोमा और डिग्री कोर्स के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायतों के बाद यह कदम उठाया गया.
मौके पर मिली हकीकत से नाराज मंत्री ने यूनिवर्सिटी को “भविष्य बर्बादी की फैक्ट्री” करार दिया और सख्त कार्रवाई का ऐलान किया.
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा सुबह करीब 11 बजे बिना पूर्व सूचना के यूनिवर्सिटी पहुंचे और बीएससी एग्रीकल्चर के छात्रों से सीधे संवाद किया. छात्रों और अन्य स्रोतों से मिली जानकारी ने उनके गुस्से को भड़का दिया.
उन्होंने खुलासा किया कि एक साल के डिप्लोमा कोर्स में महज दो घंटे की पढ़ाई होती है, जबकि बाकी समय पैसे लेकर डिग्रियां बांटी जा रही हैं. मंत्री ने कहा, “यहां बिना पढ़ाई और पारदर्शी परीक्षा के छात्रों को पास किया जा रहा है. ऐसी डिग्रियों की कोई मान्यता नहीं है. इन डिग्रियों के साथ न तो आरपीएससी, न यूपीएससी और ना ही कोई सरकारी नौकरी मिल सकती है.”
मंत्री ने इस मामले में कृषि विभाग के जरिए First Information Report दर्ज करवाने और विशेष अनुसंधान दल (एसओजी) से जवाब-तलब करने की घोषणा की.
उन्होंने सवाल उठाया कि इतनी गंभीर शिकायतों के बावजूद जांच अब तक पूरी क्यों नहीं हुई. मीणा ने कहा, “प्रधानमंत्री किसानों की आय दोगुनी करने की बात कर रहे हैं, लेकिन मेवाड़ यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं.”
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने एक साल पहले सरकार को शपथ पत्र दिया था कि वह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) से मान्यता लेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि न केवल एग्रीकल्चर डिप्लोमा, बल्कि बीएससी हॉर्टिकल्चर और एग्रीकल्चर डिग्रियों में भी धांधली हो रही है.
इसे गोरखधंधा बताते हुए उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप जैसे महापुरुषों के नाम पर ‘मेवाड़’ नाम का दुरुपयोग कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है.
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा को शिकायत देने वाले बीकानेर के स्वतंत्र बिश्नोई ने बताया कि वह कॉमर्स स्ट्रीम से हैं और बीकानेर के एक दलाल ने 50 हजार रुपए लेकर उन्हें मेवाड़ यूनिवर्सिटी भेजा. न कोई ऑनलाइन क्लास हुई, न ऑफलाइन. सीधे परीक्षा देने बुलाया गया, वहीं कॉपियां हाथों-हाथ चेक की गईं और बिना कुछ सही जवाब लिखे, उन्हें फर्स्ट डिवीजन में पास कर डिग्री दे दी गई. जब हमने कुछ लिखा ही नहीं था तो पास कैसे कर दिया गया.
मंत्री मीणा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि ऐसी यूनिवर्सिटी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही हैं और इन पर सख्त कार्रवाई जरूरी है. इस मामले में सरकार पूरी सख्ती बरतेगी और दोषियों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा.
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एकेएस/एबीएम